दृढ़ संकल्प और जिद, भाजपा को भाग्यनगर से सौभाग्य की उम्मीद

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, भाजपा ने हैदराबाद को भाग्यनगर कहना शुरू किया है. वह मानकर चल रही है कि दक्षिण भारत में उसके भाग्य के द्वार भाग्यनगर से खुल जाएंगे और वह तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और बंगाल में भी चुनाव जीतकर अपनी सरकार बनाएगी.’’ 

    हमने कहा, ‘‘बीजेपी हमेशा बड़े-बड़े सपने देखती है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि अगले 30-40 वर्ष बीजेपी के होंगे और भारत विश्वगुरु बनेगा. इसे कहते हैं ऑप्टिमिस्टिक या आशावादी चिंतन! आसमान में उड़ते बाज और जमीनी आधार मजबूत कर रही बीजेपी की नजर बहुत तेज है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के भाग्योदय के लिए चारमीनार स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की. वैसे आपका भाग्य के बारे में क्या विचार है?’’ हमने कहा, ‘‘संस्कृत में एक सुभाषित है- ‘नच विद्या नच पौरुषं, भाग्य सर्वत्र लभेत.’ इसका अर्थ है कि न विद्या काम आती है, न पौरुष, जो कुछ मिलता है, भाग्य से ही मिलता है. प्रारब्ध को कोई नहीं टाल सकता. भाग्य प्रबल हो तो रंक भी राजा बन जाता है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारी राय है कि भाग्य के भरोसे बैठे रहने वाला निकम्मा होता है. भोजन की थाली से अपने आप कौर आकर मुंह में नहीं गिरता. एकनाथ शिंदे सहित बागी विधायक गुजरात, गुवाहाटी और गोवा गए तो उनका सत्ता में आने का गणित जम गया. उनके भाग्य को भाजपा ने अपना जैक लगा दिया.’’ 

    हमने कहा, ‘‘कर्म तो सभी करते हैं लेकिन सफलता भाग्य से ही मिलती है. यदि कर्म ही सब कुछ होता तो हर पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर पहुंच जाता. कर्मठ व्यक्ति की सक्सेस स्टोरी में भाग्य का भी योगदान होता है. अब्राहम लिंकन का जन्म लकड़ी के छोटे से कमरे (लॉग केबिन) में हुआ और वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने. मोदी ने बचपन में चाय बेची और देश के शक्तिशाली पीएम बन गए. एपीजे अब्दुल कलाम बचपन में लोगों के घरों में अखबार बांटा करते थे, आगे चलकर मिसाइलमैन और भारत के राष्ट्रपति बने. कौशल के साथ कर्म किया जाए तो भाग्य भी साथ देता है.’’