कर ली ब्रज की परिक्रमा, चुनाव क्षेत्र की दुर्दशा से दुखी हुईं हेमा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, फिल्म अभिनेत्री व बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को 7 वर्ष बाद अब अपने चुनाव क्षेत्र की ओर झांकने की फुर्सत मिली. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की दुर्दशा देखी और दुखी हो गईं.’’ 

    हमने कहा, ‘‘फिल्मी कलाकार जब जैसा चाहें, अभिनय कर सकते हैं. वे एक पल में खुश और दूसरे पल में गमगीन होने की एक्टिंग करने में एक्सपर्ट होते हैं, इसलिए दिखावे पर मत जाओ. हेमा मालिनी 2014 से मथुरा से लोकसभा सांसद हैं. क्या इतने वर्षों से उन्हें ब्रजभूमि की दयनीय स्थिति दिखाई नहीं दी? उन्हें तो सांसद विकास निधि भी मिलती रही होगी, फिर अपने क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने रकम खर्च क्यों नहीं की? प्रतिवर्ष 2 करोड़ के हिसाब से 7 वर्षों में वे 14 करोड़ रुपए के काम करवा सकती थीं.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बेशक हेमा मालिनी मथुरा से सांसद हैं लेकिन उन्हें मुंबई में रहने वाले अपने पति धर्मेंद्र और दोनों बेटी-दामादों की फिक्र भी होगी. पारिवारिक जिम्मेदारियां भी महत्व रखती हैं. उन्होंने धार्मिक भावना से ओतप्रोत होकर 84 कोस की अपनी ब्रज यात्रा के दौरान 43 गांवों और 32 पड़ाव स्थलों का दौरा किया. 

    उनका ध्यान इस बात पर गया कि ‘चौरासी कोस ब्रज यात्रा’ के परिक्रमा मार्ग में महिलाओं के लिए कहीं भी टॉयलेट नहीं है. अब हेमा मालिनी ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस मार्ग पर हर 2 किमी के बाद टॉयलेट, स्नानघर, ठहरने की स्थायी व्यवस्था, प्रवचन के लिए हॉल बनाने तथा पूरे मार्ग पर वृक्ष लगाने की योजना बनाई गई है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘हेमा मालिनी पिछले 7 वर्षों से क्या कर रही थीं? यदि वे पहले ही अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याएं समझ लेतीं तो अब तक वहां का कायाकल्प करवा सकती थीं. इस दौरान सभी नेता अपने क्षेत्र में हेमा मालिनी के गालों जैसी चिकनी सड़क बनाने की बात करते रहे. ऐसे आश्वासनों का सिलसिला लालू यादव ने शुरू किया था.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कहते हैं- जब जागो तभी सबेरा. अब हेमा मालिनी अपने संसदीय क्षेत्र का विकास जरूर करेंगी. ब्रजभूमि तो बहाना है, 2024 के आम चुनाव से पहले कुछ कर दिखाना है!’’