विपक्षी गठबंधन अधर में लटका, ममता ने दिया बंगाल में झटका

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पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, हमें लगता है कि ममता के हृदय में क्रूरता भरी है।  वह अकेली नारी, सब पर भारी है।  जब वह समय रहते विवाह के गठबंधन में नहीं बंधीं तो विपक्षी गठबंधन में कैसे बंधतीं? अकेला व्यक्ति कोई भी हो, बड़ा हठी और जिद्दी होता है। बंगाल भरोसा नहीं किया जा सकता।  उन्होंने पीएम वह न किसी की मानता है, न किसी की सुनता है। “

हमने कहा, “आप कैसी बात कर रहे हैं! एक पुरानी फिल्म का नाम था- ममता (Mamta Banerjee) की छांव में।  बगैर माया-ममता के न तो जिंदगी रहती है, न राजनीति ! ममता में अपनी पार्टी टीएमसी के लिए अपनत्व और ममत्व की भावना है।  उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को कंगाल करते हुए बंगाल में अपनी पार्टी को मालामाल कर दिया और सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। “

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, ममता बनर्जी एक वीर महिला हैं।  वह अकेले ही बीजेपी, कांग्रेस, लेफ्ट जैसी सारी पार्टियों और केंद्रीय जांच एजेंसियों के सामने तनकर खड़ी हैं।  गठबंधन के मोह से वह मुक्त हो चुकी हैं।  कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता पर भरोसा नहीं किया जा सकता।”

हमने कहा, “अधीर रंजन को इतना अधीर होने की आवश्यकता नहीं है।  उन्हें भजन गाना चाहिए- मन रे तू काहे ना धीर धरे ! अब वह अपनी फिक करें क्योंकि ममता ने उनके खिलाफ चौके-छक्के मारनेवाले क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा है।  आपको पता है कि शाहरुख खान की ‘पठान’ फिल्म कितनी लोकप्रिय हुई थी।  यूसुफ पठान के चुनावी प्रचार में भी गीत गूंजेगा- झूमे जो पठान !” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, खास बात तो यह है कि ममता ने कोलकाता के परेड ग्राउंड पर रैली की और अपने सभी 42 प्रत्याशियों के साथ उन्होंने रैंपवॉक भी किया।  यह सारी पार्टियों को इशारा है कि टीएमसी की टीम पूरी तरह तैयार है।  फैशन शो में मॉडल्स कैटवॉक करती हैं तो ममता भी रैंपवॉक का पोलिटिकल शो कर सकती है।  ममता के इस संदेश को समझिए। ” 

हमने कहा, “संदेश को छोड़िए।  अभी तो संदेशखाली प्रकरण में केंद्र सरकार ममता की अच्छी तरह खबर लेगी।  बंगाल में ‘संदेश’ नामक मिठाई खाई जाती है लेकिन मोदी का संदेश देश भर में जाता है। “