nishanebaaz-There is no need to wake up, the government is sleeping towards public problems

अच्छी नींद आए तो तनाव दूर हो जाता है और व्यक्ति फ्रेश महसूस करने लगता है.

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, राजनीतिक उठापटक में उलझी सरकार का जनसमस्याओं के प्रति कोई ध्यान नहीं रहता. आखिर वह जनता के प्रति इतनी उदासीन क्यों हो जाती है?’’ हमने कहा, ‘‘सत्ताधारियों का जनता से सरोकार सिर्फ चुनाव जीतने तक रहता है. इसके बाद वह चैन की नींद लेने लगती है. सोये रहने से उसका स्वास्थ्य सुधरता है और जीवनीशक्ति बढ़ती है. आपको मालूम होना चाहिए कि बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की उम्र 86 वर्ष है. उनका उत्तम स्वास्थ्य इसलिए है क्योंकि वे रोज 9 घंटे की नींद लेते हैं. अच्छी नींद आए तो तनाव दूर हो जाता है और व्यक्ति फ्रेश महसूस करने लगता है.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जो कर्मठ व्यक्ति होते हैं वे बहुत कम सोते हैं. प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू रात 12 बजे सो कर फिर सुबह 4 बजे उठ जाते थे और अत्यंत सक्रिय बने रहते थे. ऐसे ही प्रधानमंत्री मोदी भी बहुत कम समय सोते हैं. सूर्योदय के बहुत पहले योगासन, प्राणायाम करते हैं. लंबी हवाई यात्रा के बावजूद विदेश दौरे में फुर्तीले और तरोताजा बने रहते हैं. बड़े-बड़े उद्योगपति भी समय की कीमत जानते हैं और अपने बिजनेस को और बढ़ाने की चिंता में जागते रहते हैं. नींद उनकी आंखों से कोसों दूर रहती हैं. लेखक और पत्रकार भी रात देर तक जागते रहते हैं.’’

    हमने कहा, ‘‘यह मत भूलिए कि चातुर्मास में भगवान विष्णु अपनी शेषशय्या पर 4 महीने तक योगनिद्रा में रहते हैं. रावण के भाई कुंभकर्ण का नींद का रिकार्ड जबरदस्त था. वह 6 महीने सोए रहता था. युद्ध के समय रावण ने ढोल-नगाड़े बजवाकर, उसके विशाल शरीर पर हाथी दौड़ा कर उसे जैसे-तैसे जगाया था और उसे राम-लक्ष्मण और वानरों की सेना से लड़ने भेजा था.

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सबसे ज्यादा यदि कोई सोया तो वे प्रतापी राजा मुचकुंद थे जिन्होंने देव-दानव युद्ध में देवताओं की ओर से भाग लिया था. युद्ध समाप्त होने पर वे बहुत थक गए थे. उन्होंने बहुत लंबी नींद का वरदान मांगा. वे एकांत गुफा में सतयुग में सोए तो द्वापर युग तक सोते रहे. यह बात कृष्ण भगवान को मालूम थी. जब कालयवन ने कृष्ण का पीछा किया तो वे उस गुफा में गए जहां मुचकुंद सोए हुए थे. उन पर अपना पीतांबर डालकर कृष्ण छिप गए. कालयवन ने कृष्ण समझकर मुचकुंद को लात मारी तो उनकी नींद खुल गई. उनके नेत्रों से निकली अग्नि से कालयवन जलकर भष्म हो गया.’’