रामपुर पुलिस की अजीब ड्यूटी, खोजती है भैंस, कुत्ता या घोड़ी

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस अपराधियों की खोज और धरपकड़ करती है जबकि यूपी के रामपुर के पुलिस कर्मियों को कभी भैंस तो कभी पालतू कुत्ते या घोड़ी की खोज करनी पड़ती है. आपको याद होगा कि जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब तत्कालीन केबिनेट मंत्री आजम खान की 7 भैसें पसियापुर डेयरी से चोरी चली गई थीं. 

    इस भैंस चोरी के मामले में 3 पुलिस वाले सस्पेंड कर दिए गए थे. जल्दी ही इन भैंसों को खोज निकाला गया था. इसके अलावा वहां डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अमित किशोर का कुत्ता गुम हो गया था. उसे भी पुलिस ने 24 घंटे के भीतर तत्परता से खोज निकाला. अब बरेली जिला कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नाजिश खान की सफेद चेहरे वाली काली घोड़ी गुम हो गई है. रामपुर की पुलिस उसकी खोजबीन में एड़ी- चोटी का जोर लगा रही है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘पुलिस को यही करना बाकी रह गया था. यदि वह नेता और अफसरों की भैंस, कुत्ते और घोड़ी ढूंढती फिरेगी तो बाकी काम क्या कर पाएगी? पुलिस के लिए इंसान ज्यादा कीमती हैं या पशु?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज मवेशियों की कीमत कम मत आंकिए. हैदराबाद के पशु मेले में हरियाणा से ‘बाहुबलि’ भैंसे नामक लाया गया है जो 7.5 फीट ऊंचा, 18 फीट लंबा और 2000 किलो वजनी है. इसे रोज 25 लीटर दूध, 30 अंडे और 3 किलो मेवा की खुराक दी जाती है. हर सप्ताह उसे 2 बोतल स्काच व्हिस्की पिलाई जाती है. उसकी बादाम के तेल से मालिश की जाती है. ऐसे ही ‘लव राणा’ नामक भैंसे की खुराक पर रोज 7,000 से 8,000 रुपए खर्च किए जाते हैं. 

    हमने कहा, ‘‘भैंसा यमराज का वाहन है. लोग उसकी सेवा कर पुण्य कमा रहे हैं. हमारे शास्त्रों और पुराणों में गाय का ही उल्लेख ज्यादा मिलता है. कहा जाता है कि भारत में यूनानी अपने साथ भैंस लेकर आए. भैंस को पानी और कीचड़ में रहना अच्छा लगता है. भैंस खो जाए तो वहीं मिलेगी और घोड़ी खो जाए तो चने के खेत में मिलेगी. भैंस को लेकर कहावत है- भैंस के आगे बीन बजाई, वह बैठी पगुराई!’’