Petrol
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पेट्रोल-डीजल (Petrol, Diesel Price) की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से जनता परेशान है. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने पेट्रोल पर 4 रुपए और डीजल पर 1.50 रुपए सेस (उपकर) कम किया है. इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है. ऐसा ही कदम महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी क्यों नहीं उठाया जाता? पहले ही बेरोजगारी, वेतन कटौती व बिजनेस में मंदी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. ऐसी हालत में पेट्रोल महंगा होना दुबले पर दो अषाढ़ साबित होता है. शहरों की दूरियां बढ़ने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी टू व्हीलर रखने को मजबूर हो गया है.

यात्री बसों व ट्रकों के भाड़े पर भी डीजल महंगा होने का विपरीत असर पड़ता है. देखा जाए तो पेट्रोल की मूल दर लगभग 37 रुपए है जो प्रोसेसिंग मिलाकर 42 रुपए होता है. इससे एंट्री टैक्स व प्राइसिंग चार्ज टु डीलर वैट, डीलर का कमीशन आदि मिलाकर दाम काफी बढ़ जाते हैं. मध्यप्रदेश में पेट्रोल 91.43 तक जा पहुंचा था जो सेस घटाने पर 87.43 रुपए पर आ गया. लोकल्याणकारी सरकार को चाहिए कि जनता को यथा संभव राहत दे. जब क्रूड के दाम घटे थे तब भी सरकार ने पेट्रोल दर में रियायत कर फायदा लोगों को नहीं दिया था.