क्या BJP उत्तराखंड CM को बदलेगी

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    उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत विधानसभा सदस्य नहीं हैं. उनके पास 10 सितंबर तक का समय है कि वे किसी सीट से उपचुनाव लड़कर विधानसभा सदस्य बन जाएं. ऐसा नहीं होने पर उनकी सीएम की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. बीजेपी ने त्रिवेंद्रसिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह को यह पद दिया था. उन्हें 6 माह के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना अनिवार्य है अन्यथा संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है.

    संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के अनुसार कोई ऐसा मंत्री जो राज्य विधानसभा का सदस्य नहीं है, यदि 6 माह के भीतर निर्वाचित नहीं होता तो वह मंत्री पद पर नहीं रह सकता. केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दे पर कानून व संविधान विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है. या तो तीरथसिंह रावत के चुनाव के लिए बीजेपी के किसी विधायक की सीट खाली कराई जाएगी अथवा उनकी जगह किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा. रावत ने 2019 में गढ़वाल से लोकसभा चुनाव जीता था. अभी उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री बनते समय उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे किंतु बाद में वे विधान परिषद के लिए चुन लिए गए.