After the match, Rishabh Pant said on the no-ball controversy, 'Everyone has seen... the third umpire has to interfere in it'
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    -विनय कुमार

    IPL 2022 के ताज़ा सीज़न में दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals DC) बीते सोमवार, 16 मई को पंजाब किंग्स से हुई भिड़ंत में PBKS को 17 रन से हरा दिया। इस ताज़ा जीत ने DC के IPL 2022 Play-Off में पहुंचने की उसकी उम्मीदों को नई रोशनी दे दी। हालांकि, इस मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant Wicket-keeper Batter Captain DC) का निजी प्रदर्शन खराब रहा। पंत 3 गेंदों में 7 रन बनाकर चलते बने। इस 7 रन के स्कोर में एक छक्का भी शामिल है। 

    पंत जब आउट हुए तब DC का स्कोर 12 ओवर में 107 रन थे। उनके इस निराशाजनक प्रदर्शन पर टीम इंडिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज आरपी सिंह (RP Singh) और प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) नाराज़ नज़र आए। उनका मानना है ऋषभ पंत ने अपनी टीम की बजाय अपने ईगो को तवज्जो दी। प्रज्ञान ओझा ने तो अपने शब्दों का करारा तमाचा लगाते हुए कहा कि 4 गेंदों में 4 छक्के लगाने से कोई मैच विनर नहीं हो जाता। 

    प्रज्ञान ने कहा कि कप्तान होने के नाते पंत की सबसे बड़ी गलती ये रही कि उन्होंने जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। यह उनका दायित्व बनता था कि वे क्रीज़ पर जमे रहें। उनके गैरजिम्मेदाराना प्रदर्शन की बदौलत टीम को नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि जैसी पंत की पहचान है उस लिहाज से इस सीज़न में वो प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।  

    आरपी सिंह ने पंत के प्रदर्शन पर कहा कि हर खिलाड़ी चाहता है कि कठिन परिस्थितियों में टीम का कप्तान अच्छी और धुआंधार बल्लेबाजी करे। टीम को मुश्किलों से बाहर निकाले। लेकिन पंत वहां आउट हो गए। यही कारण है कि उनकी टीम 20 ओवर में 159 रन ही बना सकी। उन्होंने आगे कहा कि एक कप्तान के लिए उनके ईगो से ज्यादा टीम को तवज्जो देना जिम्मेदारी है। पंत ऐसे समय में बल्लेबाज़ी करने आए थे, जब टीम की रन बनाने की गति थोड़ी धीमी हो गई थी। ऐसे में छक्का लगाने के बाद बड़ा शॉट लगाने की बजाय सिंगल लेना गलत नहीं होता।

    इसी मामले आगे बात करते हुए प्रज्ञान ओझा ने कहा कि ऋषभ पंत को मैच्योरिटी दिखानी चाहिए थी, जो वो नहीं कर पाए। पंत उन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं, जिनका नाम भविष्य में भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने पंत पर निशाना साधते हुए कहा कि मैदान पर आकर 4 गेंद में 4 छक्के लगा देने से कोई मैच विनर नहीं बन जाता। एक मैच विनर अपनी टीम का गेम बचाकर चलाता है। तब जाकर कोई मैच विनर कहलाता है। पर, पंत ने यह मौका खो दिया।