Bhupesh Baghel
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    रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई वर्ष के कथित बंटवारे की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने ‘कका अभी जिंदा है’ डायलॉग बोलकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। राज्य में मुख्यमंत्री का यह ‘डायलॉग’ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रेक्षागृह में विश्व फार्मासिस्ट दिवस (25 सितंबर) के मौके पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान जब वहां मौजूद लोगों ने ‘भूपेश कका जिंदाबाद’ के नारे लगाए तब बघेल ने कहा ‘कका अभी जिंदा है’ (टाइगर अभी जिंदा है के तर्ज पर) इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

    कका छत्तीसगढ़ी शब्द है जो काका (चाचा) का अपभ्रंश है। राज्य में लोग भूपेश बघेल को ‘कका’ कहकर भी संबोधित करते हैं। वहीं टीएस सिंहदेव को ‘बाबा’ के नाम भी जाना जाता है। राज्य में ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे की चर्चा के बाद ‘कका’ और ‘बाबा’ सोशल मीडिया में लगातार छाए हुए हैं।

    मुख्यमंत्री बघेल कार्यक्रम में यह ‘डायलॉग’ बोलकर नहीं रुके बल्कि इसे अपने ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट किया। मुख्यमंत्री के ट्वीट पर राज्य के अनेकों लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सभी दवा निर्माताओं का छत्तीसगढ़ में स्वागत है। यहां दवा उद्योग स्थापित करने के इच्छुक व्यक्ति या समूह राज्य के हों या राज्य के बाहर के, सरकार उन्हें सभी आवश्यक संसाधन, सुविधाएं और छूट प्रदान करेगी।

    उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित होने वाले वनौषधि इकाइयों को लघु वनोपज संघ द्वारा निर्धारित दरों पर ही कच्चा माल उपलब्ध कराया जाएगा। स्थानीय स्तर पर उत्पादित दवाइयों को आयुष एवं स्वास्थ्य विभाग बिना किसी निविदा के सीधे खरीद सकता है। कार्यक्रम में मौजूद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस दौरान राज्य सरकार के कार्यों की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘छत्तीस​गढ़िया सबले बढ़िया’ कहा जाता है और हैं भी। देश के अन्य राज्य अब छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास कार्यों का अनुसरण कर रहे हैं।

    कार्यक्रम के बाद सिंहदेव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रत्येक प्रेस कांफ्रेंस में यह सवाल बार-बार आता है कि आगे क्या होने वाला है। (मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे को लेकर) यदि ​मीडिया यह सवाल कर रही है तब वह अपने मन से यह सवाल नहीं कर रही है। वह (मीडिया) यह सुन रहे हैं। लोगों में चर्चा है और उनका प्रतिबिंब मीडिया है। मैं मीडिया के माध्यम से सभी नागरिकों से कहूंगा की ज्यादा विचलित मत होइए। मुझे लगता है कि इसका समाधान जल्द हो जाएगा।(एजेंसी )

    राज्य में बघेल सरकार को इस वर्ष जून माह में ढाई वर्ष पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री पद के ‘ढाई-ढाई वर्ष’ के कथित बंटवारे की चर्चा जोरों पर है। राज्य में वर्ष 2018 में नयी सरकार के गठन के बाद से यह कयास लगाया जाता रहा है कि मुख्यमंत्री बघेल और इस पद के अन्य दावेदार रहे सिंहदेव के मध्य मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर सहमति बनी थी।