Bhupesh Baghel on Adipurush

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शनिवार को कहा कि हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म आदिपुरुष के  (Adipurush) संवाद अपमानजनक और आपत्ति जनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फिल्म भगवान राम और भगवान हनुमान की छवि खराब करने के लिए बनाई गई है। सीएम ने कहा कि अगर आज की पीढ़ी यह देखेगी तो क्या प्रभाव पड़ेगा? शब्दों की भी मर्यादा समाप्त हो गई। बजरंगबली के मुंह से वह शब्द बुलवाए जा रहे हैं जो शब्द बजरंग दल वाले बोलते हैं। 

देवताओं की छवि को धूमिल करने का प्रयास  

बघेल ने कहा, “यह हमारे सभी देवताओं की छवि को धूमिल करने का एक प्रयास है। हमने भगवान राम और भगवान हनुमान के कोमल चेहरे को भक्ति में सराबोर देखा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस छवि को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।”

बजरंग बली से बुलवाई गई बजरंग दल की भाषा 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बचपन से ही हनुमान को ज्ञान, शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में पेश किया गया है, लेकिन इस फिल्म में भगवान राम को ‘युद्धक’ (योद्धा) राम और हनुमान को क्रोधी के रूप में दिखाया गया था। बघेल ने आगे आरोप लगाया, ‘इस फिल्म में बजरंगबली को बजरंग दल की भाषा बुलवाई गई है।’ उन्होंने कहा, “न तो हमारे पूर्वजों ने भगवान हनुमान की ऐसी छवि की कल्पना की थी और न ही हमारा समाज इसे स्वीकार करता है।”

‘सरकार प्रतिबंध के बारे में सोचेगी, अगर…’

जब पत्रकारों सीएम से पूछा कि क्या राज्य सरकार इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाएगी? जिस पर बोलते हुए बघेल ने कहा, “सरकार इस बारे में (प्रतिबंध) सोचेगी अगर लोग इस दिशा में मांग उठाएंगे” और साथ ही उन्होंने खुद को ‘धर्म का संरक्षक’ कहने वाले राजनीतिक दलों की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया।

खुद को धर्म का संरक्षक कहने वाले नेता ‘आदिपुरुष’ पर चुप क्यों?

उन्होंने कहा, “खुद को धर्म का संरक्षक कहने वाले राजनीतिक दलों के लोग इस फिल्म पर चुप क्यों हैं? ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरला स्टोरी’ पर बयान देने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता ‘आदिपुरुष’ पर चुप क्यों हैं? यहां तक कि भाजपा के निचले स्तर के नेता भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

‘आदिपुरुष’ में पात्रों के संवाद बहुत निम्न स्तर के’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘तुलसीदास की रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में चित्रित किया गया था और सभ्य भाषा का इस्तेमाल किया गया था। आदिपुरुष’ में पात्रों के संवाद बहुत निम्न स्तर के हैं।” बघेल ने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने रामानंद सागर को महाकाव्य धारावाहिक रामायण बनाने का सुझाव दिया था, जो बेहद लोकप्रिय हुआ।