Delhi Rains
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नई दिल्ली. दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई घरों में बारिश का पानी घुसने और पेड़ों के गिरने की खबरें हैं। सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात ठप हो गया है। पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर उन्हें फील्ड पर उतरने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दिल्ली की सभी स्कूल सोमवार को बंद रहेगी।

PWD (लोक निर्माण विभाग) मंत्री आतिशी ने ITO में जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, “पिछले 24 घंटे में 150 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। 40 साल का रिकॉर्ड टूट गया। अब हम 150 मिमी बारिश के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। सभी मंत्री सुबह से ही मैदान में हैं।”

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, “शनिवार को 12 घंटे में हुई बारिश कुल मानसूनी बारिश का 15 फीसदी थी। पिछले 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। जहां तक तैयारियों का सवाल है तो हम पूरी तरह से तैयार थे। हालांकि रिकॉर्ड बारिश के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी। मैं दिल्ली की जनता को यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि सभी अधिकारी और कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं। वे उन जगहों पर दिन-रात काम कर रहे हैं जहां जलभराव है।”

रोहिणी इलाके में भारी बारिश के बाद सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया जिसके चलते यातायात प्रभावित हो गया। वहीं सुंदर नगर में मार्केट की दीवार गिर गई। उत्तम नगर से दिल्ली कैंट की ओर जाने वाले मार्ग में सागरपुर की लाल बत्ती के पास एक पेड़ गिरने के कारण पंखा रोड पर यातायात प्रभावित है। ट्रैफिक पुलिस ने इस खिंचाव से बचने के लिए कहा है। दूसरी तरफ, सीलमपुर इलाके में आज दोपहर बारिश के कारण एक मकान का छज्जा गिरने से 2 लोग घायल हुए हैं। दोनों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

शहर में भारी बारिश के कारण शनिवार को ईस्ट ऑफ कैलाश के गढ़ी झरिया मारिया में दिल्ली सरकार के एक स्कूल की चारदीवारी गिर गई। मंत्री आतिशी ने कहा, “हमारे कई स्कूल बहुत पुराने हैं… दो स्कूल हैं जहां दीवारें गिर गई हैं। ये दीवारें 35-40 साल पुरानी थीं। बहुत कम समय में 150 मिमी बारिश हुई…हमने अधिकारियों को दिल्ली सरकार और एमसीडी के सभी स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।”

दिल्ली में दो दिन से लगातार हो रही बारिश की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है। इसी क्रम में बुराड़ी पुलिस स्टेशन के अंदर भी पानी घुसा। भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर जलभराव हुआ इसकी वजह से समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव के घर में भी पानी घुसा है। उधर गृहमंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली के एलजी से बात कर बारिश की स्थिति की जानकारी ली।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में मूसलाधार बारिश और दिल्ली में मौसम की पहली भारी बारिश हुई है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 153 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 25 जुलाई 1982 को एक दिन में दर्ज की गई 169.9 मिमी बारिश के बाद से सर्वाधिक है। अधिकारी के मुताबिक, शहर में 10 जुलाई 2003 को 133.4 मिमी, 28 जुलाई 2009 को 126 मिमी और आठ जुलाई 1993 को 125.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 21 जुलाई 1958 को यहां अब तक की सर्वाधिक 266.2 मिमी बारिश हुई थी।

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 1969 के बाद से जुलाई में आठ बार ‘बहुत भारी’ (15.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच) बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने दिल्ली में मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान करते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। रिज, लोधी रोड और दिल्ली विश्वविद्यालय के मौसम केंद्रों पर क्रमशः 134.5 मिमी, 123.4 मिमी और 118 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अनुसार, 15 मिमी से कम बारिश ‘हल्की’, 15 मिमी से 64.5 मिमी ‘मध्यम’, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी ‘भारी’ और 115.6 मिमी से 204.4 मिमी ‘बहुत भारी’ बारिश की श्रेणी में आती है। वहीं, 204.4 मिमी से अधिक बारिश दर्ज होने पर इसे ‘अत्यधिक भारी’ बारिश की श्रेणी में रखा जाता है।

दिल्ली में जुलाई में अभी तक 164 मिमी बारिश हुई है। पूरे महीने में शहर में औसतन 209.7 मिमी बारिश होती है। भारी बारिश के कारण शहर के कई पार्क, अंडरपास, बाजार और यहां तक कि अस्पताल परिसर में जलभराव हो गया और सड़कों पर भारी जाम लग गया। सोशल मीडिया मंचों पर सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरते लोगों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए हैं, जिसने शहर की जल निकासी प्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

तेज हवाओं और बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं। सड़कों पर पानी भरने और वाहनों के उसमें फंसे होने की तस्वीरें सामने आने के बाद एक बार फिर दिल्ली में जल निकासी की व्यवस्था को लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। दिल्ली में जल निकासी के लिए तीन प्रमुख नाला, नजफगढ़, बारापुला और ट्रांस-यमुना हैं।

बारिश के दौरान मध्य रिज के पूर्वी हिस्से का पानी सीधे यमुना में जाता है। पश्चिमी में छोटे नालों का पानी नजफगढ़ नाले में जाता है, जो अंततः नदी में मिल जाता है। दिल्ली का पूर्वी क्षेत्र एक निचला इलाका है और मूल रूप से यमुना के बाढ़ क्षेत्र का हिस्सा है। दिल्ली में बारिश के कारण पानी अधिक होने से जल निकासी प्रणाली के काम नहीं करने का खतरा है। ऐसा मुख्य रूप से कूड़ा-कचरा और सीवेज के कारण होता है, जिससे जल की निकासी धीमी पड़ जाती है।

दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में कंक्रीट की अत्यधिक संरचनाओं के होने, भूमिगत जल संचय नहीं होने, बारिश के पानी के लिए बनाए गए नालों पर अतिक्रमण और अशोधित जल-मल प्रवाहित किये जाने के कारण हर बार अधिक बारिश होने पर राष्ट्रीय राजधानी जलमग्न हो जाती है। जलवायु परिवर्तन पर दिल्ली सरकार की कार्य योजना के अनुसार, जल निकासी प्रणाली के प्रबंधन में कई एजेंसियां शामिल हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। दिल्ली के लिए आखिरी बार जल निकासी पर मुख्य योजना 1976 में बनाई गई थी, जब शहर की आबादी करीब 60 लाख थी।

सरकार ने आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), दिल्ली से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटी) के लिए नया ‘ड्रेनेज मास्टर प्लान’ तैयार करने को कहा था। संस्थान ने 2018 में एक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन दिल्ली सरकार की तकनीकी समिति ने “आंकड़ों में विसंगतियों” का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया। इस साल की शुरुआत में, सरकार ने लोक कल्याण विभाग को एक नई योजना तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली की पुरानी जल निकासी प्रणाली 24 घंटे में केवल 50 मिमी तक बारिश ही वहन कर सकती है। (एजेंसी इनपुट के साथ)