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    नयी दिल्ली. दिल्ली की निरस्त आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दो निजी कंपनियों के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि शराब कंपनी परनोड रिकॉर्ड के महाप्रबंधक विनय बाबू और अरबिंदो फार्मा के निदेशक व प्रोमोटर पी. शरत चन्द्र रेड्डी को धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत बुधवार देर रात गिरफ्तार किया गया। इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आरोपी हैं।

    शुरू में हैदराबाद की कंपनी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड ने शेयर बाजार को भेजी गई सूचना में कहा था कि “वह इस संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाने की प्रक्रिया में है तथा बाद में जैसा वह उपयुक्त समझेगी, उस हिसाब से और खुलासा करेगी।” लेकिन बाद में कंपनी ने बीएसई को सूचित किया कि रेड्डी की गिरफ्तारी का ‘किसी भी तरह से अरबिंदो फार्मा या उसकी सहायक कंपनियों के परिचालन से कोई संबंध नहीं है।” गिरफ्तारी की खबर आने के बाद बीएसई में कंपनी के शेयर का दाम 12 फीसद घट गया। इन दोनों के अलावा ईडी ने शराब बनाने वाली कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेन्द्रू को सितंबर में गिरफ्तार किया था।

    अधिकारियों ने दावा किया है कि दोनों (बाबू और रेड्डी) पूछताछ के दौरान ‘टालमटोल’ कर रहे थे। उनके मुताबिक ये दोनों सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली की आबकारी नीति को बनाने में कथित रूप से संलिप्त थे और पूरे नेटवर्क को ‘संगठित’ रूप देने में भी उनकी भूमिका थी। ईडी ने पहले छापेमारी के दौरान एक कर्मचारी के परिसर से आबकारी नीति का मसौदा बरामद करने का दावा किया था।

    अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने पाया कि नीति निर्देशों का उल्लंघन करके एक फर्म द्वारा खुदरा शराब व्यापार में 200 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इर्डी ने इस मामले में अभी तक कई जगह छापे मारे हैं। उसने इस महीने की शुरूआत में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निजी सहायक के परिसर पर छापा मारा था और बाद में दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में उनसे पूछताछ की थी। यह धनशोधन मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें सिसोदिया एवं अन्य आरोपी के रूप में नामजद हैं।

    सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद सिसोदिया तथा दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के परिसरों पर छापा मारा था। उपराज्यपाल ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितता की जांच की सिफारिश की थी जिसके बाद आबकारी योजना पर जांच एजेंसियों की नजर टिक गयी थी। उपराज्यपाल ने 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया। ईडी इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक और मंत्री सत्येंद्र जैनसे भी पूछताछ कर चुका है। जैन धनशोधन के एक अनय मामले में जेल में हैं। (एजेंसी)