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    नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) से उसके स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों के वास्ते विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दायर जनहित याचिका पर सोमवार को जवाब मांगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवायी वाली पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की याचिका पर नोटिस जारी किया और केवीएस को एक हलफनामा दाखिल कर उसके स्कूलों में नियुक्त किए गए विशेष शिक्षकों का विवरण देने को कहा। 

    पीठ ने केवीएस को यह बताने के लिए भी कहा कि क्या ऐसे केंद्रीय विद्यालय (केवी) हैं जहां विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि 2009 में दिए गए आश्वासन के बावजूद केवीएस ने किसी विशेष शिक्षक की भर्ती नहीं की है। याचिकाकर्ता ने केवीएस को विशेष शिक्षकों के पर्याप्त संख्या में नियमित पद सृजित करने, भर्ती नियम बनाने और हर स्कूल में कम से कम दो विशेष शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्देश देने का आग्रह किया। 

    याचिका में कहा गया है कि केवीएस ने आज तक न तो विशेष शिक्षकों के स्थायी पद सृजित किए हैं और न ही भर्ती नियम बनाए हैं और न ही अब तक कोई भर्ती की है। उसमें कहा गया है कि देश भर के केवी में 31 दिसंबर 2021 तक विशेष आवश्यकता वाले 5701 बच्चे पढ़ रहे हैं, बावजूद इसके केवी के आज की तरीख तक दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्त नहीं की है। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। (एजेंसी)