File Photo
File Photo

    Loading

    नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले (Jahangirpuri Violence Case) में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें मुख्य ‘‘षडयंत्रकर्ता और घटना को अंजाम देने वाला” भी शामिल है जिसे पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।  

    उन्होंने बताया कि इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ अब तक इस मामले में कुल 30 लोग पकड़े जा चुके हैं जिनमें से तीन किशोर हैं। उन्होंने बताया कि मोहम्मद फरीद उर्फ नीतू (35), जो मामले में ‘‘सर्वाधिक वांछित था”, को पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के तामलुक स्थित उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया है। 

    पुलिस ने बताया कि मामले में जिन दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान दो भाइयों जफर (34) और बाबूद्दीन उर्फ बाबू (43) के तौर पर की गई है। उन्होंने बताया कि दोनों को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया जो इस मामले की जांच कर रही है। दोनों भाई इलाके में बिरयानी की दुकान चलाते हैं। 

    पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से खुलासा हुआ कि फरीद ने अपने सहयोगी मोहम्मद अंसार के साथ ‘‘दंगे भड़काने में बहुत ही सक्रिय और आक्रमक भूमिका निभाई” लेकिन उसने गोली चलाई या नहीं, इसकी जांच अपराध शाखा विशेष प्रकोष्ठ ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन यूनिट’ (आईएफएसओ) की सहायता से कर रहा है। 

    पुलिस के मुताबिक, दिल्ली की अदालत की ओर से भी फरीद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है जो पहले तो अपने परिवार के यहां छिपा और इस महीने हुई हिंसा के दो-तीन दिन के बाद पश्चिम बंगाल भाग गया।  उन्होंने बताया कि वह लगातार अपना फोन बंद कर, पश्चिम बंगाल में अपना ठिकाना बदल रहा था। 

    पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) राजीव रंजन सिंह ने बताया, ‘‘उत्तरी रेंज के विशेष प्रकोष्ठ को घटना में संलिप्त आरोपियों की पहचान और पकड़ने के कार्य में लगाया गया। टीम ने मोहम्मद फरीद की गतिविधियों पर नजर रखी जो जहांगीरपुरी इलाके में सक्रिय ‘‘खराब चरित्र” का व्यक्ति है। वह गिरफ्तार हो चुके मोहम्मद अंसार के साथ प्रमुख षडयंत्रकर्ताओं और घटना को अंजाम देने वालों में से एक है। टीम पिछले दो सप्ताह से उसका पीछा कर रही थी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की।”   

    उन्होंने बताया, ‘‘कुछ मौकों पर वह पकड़े जाने से बचा लेकिन टीम ने उसपर नजर बनाए रखी और पश्चिम बंगाल में जमी रही। बृहस्पतिवार को हमारी टीम ने फरीद का पता लगाया और उसे उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया..दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की आगे की जांच कर रही है।” उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 से अबतक उसके खिलाफ लूटपाट, छिनैती, चोरी और शस्त्र कानून के तहत छह मामले दर्ज किए गए थे और वह जहांगीरपुरी इलाके का हिस्ट्रीशीटर है। 

    पुलिस ने बताया कि जफर और बाबुद्दीन को भी ‘दंगे में सक्रिय रूप से संलिप्त”पाया गया।   वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए वीडियो का विश्लेषण करने पर जफर हिंसा के दौरान भीड़ के साथ तलवार के साथ घूमता नजर आया। बाबुद्दीन भी हिंसा के दौरान भीड़ को भड़काता नजर आया। दोनों को डिजिटल सबूत और तकनीकी निगरानी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।”

    पुलिस ने बताया कि हिंसा के दिन के डिजिटल सबूत का विश्लेषण कर पुलिस ने दोषियों की पहचान की और तकनीकी निगरानी से उनकी घटना के समय ठिकाने का पता लगाया। गौरतलब है कि 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के दौरान निकाली गई ‘शोभायात्रा’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में दो समुदायों में झड़प हो गई थी जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक आम व्यक्ति घायल हो गया था। 

    पुलिस के मुताबिक झड़प के दौरान पत्थरबाजी और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जहांगीरपुरी की घटना के कुछ दिन बाद दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर मामले के मुख्य आरोपी पर लगे धन शोधन के आरोपों की जांच करने को कहा। पुलिस ने मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। 

    एक सीसीटीवी फुटेज में दर्ज घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पुलिस सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’को बताया कि शाम छह बजकर 23 मिनट पर शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी की शुरुआत हुई। उन्होंने बताया कि शाम छह बजकर 27 मिनट पर एक व्यक्ति चार-पांच तलवारों के साथ दिखा। शाम सात बजकर एक मिनट पर लोगों के समूह ने भीड़ को सीसीटीवी कैमरा लगे होने की जानकारी दी जिसके बाद उन्होंने अपनी दिशा बदल ली। 

    सूत्र ने बताया, ‘‘सोनू उफ इमाम और सलीम चिकना जो पुलिस हिरासत में हैं कुशल सिनेमा की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं। सोनू जेब से पिस्तौल निकालते और हिंसा के दौरान कुशल सिनेमा की ओर दौड़ता दिखाई दे रहा है।” (एजेंसी)