rahul gandhi
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    अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  के खिलाफ कथित ‘‘मोदी” उपनाम वाली उनकी टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत की कार्यवाही पर लगी अंतरिम रोक की अवधि को सोमवार को बढ़ा दिया।  मामले में शिकायतकर्ता, राज्य के मंत्री पूर्णेश मोदी ने कार्यवाही पर रोक लगाने के साथ ही सूरत की अदालत के एक आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था।

    सूरत की एक अदालत ने पूर्णेश मोदी की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने यह अनुरोध किया था कि गांधी को उनके उस भाषण से संबंधित ‘‘सीडी और/या पेन ड्राइव और या ऐसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझाने के लिए कहा जाए”, जिसमें उन्होंने कथित टिप्पणी की थी।  

    न्यायमूर्ति वी एम पंचोली ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 8 अप्रैल तय की और कहा कि कार्यवाही पर पहले लगायी गई अंतरिम रोक तब तक जारी रहेगी।  2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में चुनाव प्रचार के दौरान गांधी के कथित ”मोदी” उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया गया था।

    शिकायतकर्ता ने कहा था कि कांग्रेस सांसद की कथित टिप्पणी, ‘‘सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?”, ने पूरे मोदी समाज को बदनाम किया।  गांधी ने पिछले साल सूरत की अदालत में पेशी के दौरान आरोप स्वीकार नहीं किया था। अदालत ने भाजपा नेता द्वारा अप्रैल 2019 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत दायर मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बयान भी दर्ज किया था।

    सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी और कोलार के कलेक्टर से प्राप्त तीन सीडी की प्रमाणित प्रतियां जमा कीं, जिसमें ”मोदी” उपनाम के बारे में उनकी टिप्पणी थी। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी चाहते थे कि सूरत की अदालत गांधी की उपस्थिति में सीडी चलाये ताकि वह सीआरपीसी की धारा 313 के प्रावधानों के अनुसार उनकी सामग्री को व्यक्तिगत रूप से समझा सकें और भविष्य में किसी भी तकनीकी आपत्ति से बचा जा सके। अदालत ने यह अनुरोध खारिज कर दिया था। कोलार में रैली के दौरान, गांधी ने कथित तौर पर कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी …ऐसा कैसे कि इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है?”(एजेंसी)