सांसदों को विधायक बनाने का दांव लगाना सफल, जीत रहे हैं मध्य प्रदेश के 7 में 6 सांसद

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भोपाल : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर सांसदों को भी मैदान में उतार दिया था। ऐसा माना जा रहा था कि अपने प्रदेश में मजबूत पकड़ रखने वाले ये सांसद अपनी सीट जीतने के साथ-साथ आसपास की सीटों को भी जीतने में मददगार साबित होंगे। भाजपा का ये कारनामा सफल साबित हुआ और भारतीय जनता पार्टी बहुमत से काफी आगे निकल गई। फिलहाल लगभग 160 सीटों के आसपास पहुंचने की कोशिश कर रही है।

आपने देखा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत पाने के पीछे मोदी मैजिक के अलावा कई कारण गिनाए जा रहे हैं। इसमें एक कारण ये भी है कि भाजपा के आलाकमान ने आधा दर्जन से अधिक सांसदों को मैदान में उतार कर विधानसभाल में जाने के लिए कह दिया था। 

चुनाव आयोग की वेबसाइट से जारी जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने 160 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं भाजपा ने चुनावी मैदान में अपने जिन 7 सांसदों को उतारा था उनमें से एक को छोड़कर सभी जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। सभी अपनी सीटों पर आगे चल रहे हैं। इनमें मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा नरसिंहपुर से प्रहलाद सिंह पटेल अपनी बढ़त आगे रखने में कायम हैं। 

वहीं अगर जबलपुर पश्चिम से सांसद राकेश सिंह और सीधी से सांसद रीति पाठक को देखें तो वह भी अपनी जीत लगभग पक्की कर चुकी हैं। होशंगाबाद से राव उदय प्रताप सिंह और बीजेपी के चर्चित नेताओं में से एक कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 सीट से जीतने की ओर हैं। अभी तक की जानकारी में केवल केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते अपनी निवास सीट से पिछड़ रहे हैं, लेकिन परिणाम आने तक कुछ भी हो सकता है। 

ऐसा कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव वाले सभी पांच राज्यों में भाजपा के संकल्प पत्र और कांग्रेस की गारंटी के बीच मुकाबला था और प्रधानमंत्री मोदी हर चुनावी सभा में मतदाताओं को भाजपा के संकल्प पत्र को ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में पेश कर रहे थे। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस की गारंटी पर भाजपा के संकल्प पत्र वाली ‘मोदी की गारंटी’ भारी पड़ी।