PM Modi
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    भोपाल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Madhya Pradesh Governor Mangubhai Patel) ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विश्व को कोविड-19 (COVID-19) से जंग में सबसे कारगर हथियार के रूप में ‘मंगल टीके’ (कोरोना वायरस रोधी टीके) का अनमोल उपहार दिया जो आज सभी के प्राणों की रक्षा कर रहा है। देश के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां लाल परेड मैदान में तिरंगा फहराने एवं भव्य परेड की सलामी लेने के बाद पटेल ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण हमारे समय का सबसे बड़ा संकट रहा है, जिसने समूचे विश्व, देश और प्रदेश को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। 

    उन्होंने कहा, ‘‘देश के जन-जन के हृदय में बसने वाले हमारे दूरदृष्टा प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी की संभावित चुनौती को प्रारंभ में ही भांप लिया था। दो वर्ष पूर्व जब पूरे विश्व पर कोरोना संकट के चलते भय, आशंका और निराशा के बादल छाए हुए थे, तब उन्होंने भारत में ही टीके विकसित करने के लिए कार्यबल गठित किया था। उन्होंने ‘दवाई भी-कड़ाई भी’ का नारा दिया।” 

    पटेल ने कहा कि ये मोदी के सही समय पर लिए गए सही निर्णय, नेतृत्व एवं प्रेरक क्षमता का ही परिणाम था कि देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से बचाव का टीका सबसे कम अवधि में विकसित कर लिया और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 16 जनवरी 2021 को विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान प्रारंभ हुआ। अब तक पूरे देश में टीकों की 163 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 

    उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री की असाधारण दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि मुफ्त त्वरित टीकाकरण के कारण कोरोना वायरस की तीसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों में से मात्र दो प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है। शेष मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। टीकाकरण से मिले सुरक्षा कवच के परिणामस्वरूप कोविड-19 की तीसरी लहर में संक्रमण कम घातक हो गया है।” पटेल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व को कोविड से जंग में सबसे कारगर हथियार के रूप में ‘मंगल टीके’ (कोविड-19 रोधी टीके) का अनमोल उपहार दिया जो आज सभी के प्राणों की रक्षा कर रहा है। प्रदेश की जनता की ओर से उन्हें कोटिश: धन्यवाद।” 

    उन्होंने कहा कि एक तरफ नागरिकों के स्वास्थ्य और प्राणों की रक्षा की चुनौती थी, तो दूसरी ओर अर्थव्यवस्था को प्रभावित न होने देना आवश्यक था; ऐसी कठिन परिस्थिति में राज्य सरकार ने कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के साथ ही सभी वर्गों की चिंता करते हुए जरूरतमंदों को हरसंभव सहायता पहुंचाई। पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की पहली और दूसरी लहर का मजबूती से सामना करते हुए प्रदेश में सुराज, जनकल्याण और विकास के कार्यों की गति निरंतर बनी रही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार के प्रयासों और जनता के सहयोग ने मिलकर एक नया इतिहास रचा है और कोरोना नियंत्रण के प्रदेश के जनभागीदारी मॉडल को देशभर में सराहा जा रहा है। 

    राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर पर नियंत्रण के लिए भी सरकार ने चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पात्र नागरिकों को टीकाकरण का सुरक्षा चक्र प्रदान करने में भी प्रदेश अग्रणी बना हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार के प्रयास और जनता के सहयोग से हम तीसरी लहर पर शीघ्र काबू पाने में सफल होंगे।” आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण हेतु भौतिक अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने की दिशा में तेजी से किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि प्रदेश की उपलब्ध विद्युत क्षमता 21,451 मेगावाट हो गई है। इस वर्ष विद्युत उत्पादन क्षमता में 1,587 मेगावाट की वृद्धि करने का लक्ष्य है। 

    उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा के वैकल्पिक तथा पर्यावरण हितैषी स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। पटेल के अनुसार ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट की विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग (तैरती हुई) सौर ऊर्जा परियोजना और आगर, शाजापुर, नीमच, छतरपुर एवं मुरैना में 4,400 मेगावट क्षमता के सोलर पार्क विकसित किये जा रहे हैं। 

    विभिन्न निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई की वर्तमान क्षमता को वर्ष 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है और इस वर्ष 1.70 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता सृजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए भारत सरकार द्वारा 44,605 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है। परियोजना से प्रदेश को 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और 41 लाख जनसंख्या को पेयजल की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही 103 मेगावाट पनबिजली भी उपलब्ध होगी। (एजेंसी)