जिले में आठ महीने में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के 71 मामले

अकोला. कीट जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला मलेरिया अधिकारी डा.पेंढारकर के मार्गदर्शन में अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत जनवरी से 23 अगस्त के बीच रक्त के 338 सैम्पलों का परीक्षण किया गया. जिसमें मलेरिया के 71 मामले, डेंगू संक्रमित के 51 और चिकनगुनिया के 19 मामले सामने आए.

इस अभियान के दौरान, लोगों से सप्ताह में एक दिन सूखा पालन करने और मच्छरों से खुद को बचाने का आग्रह किया गया. मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर 23 अगस्त तक गप्पी मछली छोड़ी गई. वर्तमान में मलेरिया होने की संभावना है, इसलिए सावधानी बरती जानी चाहिए. बारिश के मौसम में जगह जगह पानी जमा हो जाता हैं. मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए गप्पी मछलियों को जमा हुए साफ पानी में छोड़ा जाता है ताकि जमा हुए बारिश के पानी में मच्छरों की पैदावार न हो सके. जिले के मालेगांव बाजार उप-केंद्र के तहत स्वास्थ्य सेवक एस.एस. राठोड और सहयोगियों ने एक अभियान शुरू किया.

इसी तरह जिले के साथ-साथ अकोला स्थित गौरक्षण मार्ग पर सहकार नगर के कुएं में, नागरी स्वास्थ्य केंद्र अशोक नगर, बापू नगर क्षेत्र के कुएं में भी गप्पी मछलियां छोड़ी गईं हैं. शहर में जिन स्थानों पर पानी जमा हुआ हैं, उनकी जानकारी मिलने पर गप्पी मछलियों को उस पानी में छोड़ा जाएगा, ऐसा जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय द्वारा सूचित किया गया है. यह भी कहा गया कि बुखार और डेंगू के मामले में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. यह भी स्पष्ट किया गया कि आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं.