Farmers Suicide

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अकोला. जिला स्तरीय समिति की बैठक में किसानों की आत्महत्या के 19 मामलों को रखा गया. इनमें से मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले नौ मामलों को अयोग्य घोषित कर दिया गया जबकि चार मामलों की फिर से जांच की जाएगी. इसी तरह छह मामलों की पात्रता की पुष्टि की गई. इससे सहायता के पात्र किसानों के परिवारों के लिए सरकारी सहायता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

जिले में किसान लगातार विफल होने, साहूकारों या बैंकों से लिए गए ऋण, उत्पादन की तुलना में खेती की अधिक लागत और अन्य कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों को एक-एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करती है. सहायता के लिए पात्र किसानों के मामले का निर्धारण करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में किसान आत्महत्याओं पर समिति की एक बैठक आयोजित की गई.

बैठक में कुल 19 मामलों को रखा गया. जिसमें से छह मामले सहायता के लिए पात्र थे, नौ अयोग्य थे और चार की फिर से जांच की जाएगी. जिलाधिकारी अजीत कुंभार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई. इस अवसर पर समिति के सदस्य और अधिकारी उपस्थित थे.

सहायता के लिए पात्र मामले

संदीप धायवट (43) निवासी जांब तह.पातुर, नामदेव उंबरकर (68) निवासी वडद बु. तह.अकोला, विद्या खंडारे (35) निवासी बांबर्डा तह.अकोट, ज्ञानदेव राठोड़ (42) गावंडगांव तह.पातुर, देवराव राठोड़ (57) साखरविरा तह.बार्शीटाकली, कमल चव्हाण (32) निवासी जाम वसू तह.बार्शीटाकली नामक किसानों के परिवार सरकारी सहायता के लिए पात्र घोषित किए गए हैं.