
अकोला. एक महीने तक नाबालिग लड़की का अपहरण और दुष्कर्म किए जाने के बाद वह गर्भवती हो गई थी. विशेष अदालत के अतिरिक्त सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस.जे. शर्मा ने आरोपी युवक को 10 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. लड़की के पिता द्वारा 17 जुलाई, 2015 को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी गणेश अंजनकर (32), निवासी कृषि नगर, अकोला ने नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया और उसे एक महीने तक सैलानी में रखा.
इस बीच, बार-बार दुष्कर्म किए जाने के बाद वह गर्भवती हो गई. सिविल लाइंस पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता को आरोपी के साथ सैलानी से हिरासत में ले लिया था. लड़की ट्यूशन को जा रही हूं ऐसा बताकर गयी थी. लड़की के पिता ने आरोपी और उसके परिवार पर संदेह व्यक्त किया था. पूछताछ के दौरान पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसके साथ दुष्कर्म किया है. जिससे पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया था.
अदालत ने गणेश अंजनकर को विभिन्न धाराओं में 10 साल के सश्रम कारावास, पांच हजार रुपये जुर्माना, यह जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल के साधारण कारावास इसी तरह सात साल के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना, यह जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई. ये सभी सजाएं आरोपियों को एक साथ काटनी होंगी. इस मामले में सरकार ने कुल नौ गवाहों से पूछताछ की थी. सबूतों पर विचार करते हुए अदालत ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
मामले के एक अन्य आरोपी दीपक नृपनारायण को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. सरकार का प्रतिनिधित्व सहायक सरकारी वकील एड.किरण खोत ने किया. मामले की जांच तत्कालीन पीएसआई संजय मिश्रा ने की थी. एएसआई श्रीकांत गावडे और प्रिया शेगोकर ने अभियोजन अधिकारी के रूप में सहायता की.