
- सरकार से की जा रही नुकसान भरपाई की मांग
अकोला. पिछले 15 दिनों में हुई लगातार बारिश के कारण किसान आर्थिक संकट में आ गए हैं. पकी सोयाबीन की फलियों को कोम फूटे हैं. बारिश के कारण किसान अपने खेतों से सोयाबीन नहीं निकाल सके. उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसलें किसानों के हाथ से अब निकल चुकी है. इन फसलों की बुआई करने के लिए किसानों को किसी तरह रकम का जुगाड़ करना पड़ा. लेकिन फसलें खराब होने से अब किसान आर्थिक संकट में आ गए हैं. नैसर्गिक आपदा के सामने किसान पूरी तरह परेशान हो चुका है. किसानों द्वारा मांग की जा रही है कि जिला प्रशासन नुकसानग्रस्त खेतों का सर्वे करें एवं शीघ्र ही आर्थिक मदद दें.
सोयाबीन फसल खराब होने के बाद नगदी फसल कपास पर भी लगातार बारिश का असर दिखाई दे रहा है. आगामी 15 दिनों बाद कपास बिनने का काम किसानों द्वारा खेतों में शुरु किया जानेवाला था. लेकिन नैसर्गिक आपदा के कारण लगातार बारिश होने से कपास की फसल को भी काफी नुकसान होने के समाचार मिल रहे हैं. खेतों में पानी जमा होने से कपास की फसल खराब होने के रास्ते पर है. वापसी की बारिश के कारण किसान और आर्थिक संकट में आ गए हैं. आज भी अकोला जिले के कई किसानों के खेतों में कपास की फसल बोई गयी जहां पानी जमा है. दूसरी ओर कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्लियों का आक्रमण शुरु है.
इस पर नियंत्रण पाने के लिए किसान आर्थिक रुप से टूट गया है. सोयाबीन की फसल जब फूल लगने पर आयी दाने भरने की अवस्था में खोड़कीड और येलोमोजॅक नामक रोग फसलों पर दिखाई दे रहा है. सोयाबीन की फसलों में फलियों से अंकुर निकल रहे हैं. फसल को देखते हुए किसान अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा है. किसानों ने सरकार से बिनती की है कि वे शीघ्र ही पंचनामे कर मुआवजा अदा करे एवं राहत प्रदान करें.