Cotton Price
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    • किसानों को काफी उम्मीद थी दाम बढ़ने की
    • अभी भी कई किसानों की कपास घरों में

    अकोला. पिछले सीजन में जिले में किसानों को कपास के दाम 11 हजार से लेकर 12 हजार रू. क्विंटल तक मिले थे. इस कारण किसान काफी हर्षित थे. उस अनुसार इस सीजन में किसानों का कपास की फसल की तरफ काफी रुझान देखा गया था. पिछले वर्ष जून से लेकर अक्टूबर 2022 तक हुई अत्यधिक बारिश के कारण किसानों की खरीफ फसलों का भारी नुकसान हुआ है.

    इस बारिश ने कपास की फसल को खराब कर के रख दिया था. इसके बावजूद जिन किसानों की कपास की फसल थोड़ी बहुत बच गयी थी उसकी क्वालिटी भी काफी खराब हो गयी थी. फिर भी जिले के किसानों को इतनी उम्मीद थी कि कपास को उतने दाम तो मिलेंगे ही जितने पिछले सीजन में मिले थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. 

    दामों में हुई थोड़ी सी वृद्धि

    करीब दो से तीन सप्ताह के बाद कपास के दामों में थोड़ी सी वृद्धि देखी गयी है. एक क्विंटल कपास के पीछे 80 से 85 रू. और कहीं 90 रू. की वृद्धि देखी जा रही है. इस बारे में जब किसानों से बातचीत की गयी तो कई किसानों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि कम से कम 10 हजार रू. क्विंटल के दाम कपास को मिलेंगे. लेकिन एपीएमसी में 8,250 रू. क्विंटल से लेकर 8,775 रू. के दामों में 80 से 85 रू. की वृद्धि हुई है. इस तरह करीब 8,860 रू. क्विंटल के अधितम दाम कपास को मिल रहे हैं. इन दामों में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है लेकिन कपास के दाम इस वर्ष 9 हजार रू. क्विंटल तक भी नहीं पहुंच सके हैं. इस कारण किसान काफी परेशान देखे जा रहे हैं. 

    कुछ किसानों को है इंतजार

    इस बारे में जानकारी मिली है कि अभी भी कुछ किसानों को कपास के दाम बढ़ने का इंतजार है. कुछ किसानों का यह भी कहना है कि यदि अधिक समय तक कपास को रखा जाए तो कपास का वजन कम होता है और कपास खराब होने की भी संभावना रहती है. इसी तरह यदि कम दामों में कपास बेचते हैं तो उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. इस बारे में स्थानीय किसान दीपेश तिवारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि पहले ही अत्यधिक बारिश से कपास की फसल खराब हो गयी थी.

    उसके बाद कपास की फसल में लाल्या रोग का संक्रमण देखा गया था. बड़ी मुश्किल से जो कपास हाथ में आयी थी उसके दाम भी काफी कम मिल रहे हैं. उस अनुसार उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने बताया कि बहुत कम किसान ऐसे हैं जिन्होंने कपास अभी तक मंडी में नहीं लाई है. इन किसानों को उम्मीद है कि कपास के दाम थोड़े बहुत और बढ़ सकते हैं फिर भी इस बार कपास के दामों को देखते हुए जिले के किसानों को काफी निराशा का सामना करना पड़ा है.