सोयाबीन और कपास की फसलों पर कीटकों का संक्रमण

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    • सोयाबीन और कपास का उत्पादन घटने की संभावना

    अकोला. वर्तमान समय में जिले के अनेक क्षेत्रों में सोयाबीन और कपास की फसलों पर कीटकों का संक्रमण देखा जा रहा है. अनेक क्षेत्रों में सोयाबीन की फसलों पर करपा रोग का संक्रमण देखा जा रहा है. सोयाबीन की फसल से किसानों को काफी उम्मीद रहती है. बड़ी संख्या में किसान कपास के साथ साथ सोयाबीन की बुआई को विशेष महत्व देते हैं. शायद इसी कारण से सोयाबीन की बुआई काफी बढ़ गई है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार खरीफ के मौसम में करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की गयी है. बीच में कुछ दिनों तक बारिश न होने के कारण भी सोयाबीन की फसलों को हानि पहुंची थी. सोयाबीन के पौधे जब फूल पर आ गए थे तभी काफी दिनों तक बारिश नहीं हुई थी. सोयाबीन की फसलों पर पत्ते खाने वाली इल्ली इसी तरह करपा रोग का संक्रमण काफी बढ़ गया है.

    इस करपा रोग के कारण सोयाबीन के पौधों के पत्ते पीले हो जाते हैं. और पौधों से पत्ते गल कर गिरने लगते हैं. डा.पीडीकेवी के विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग पर नियंत्रण करने के लिए टैबूकोण्याजोल और सल्फर (संयुक्त कवक नाशक) व्यापारी नाम हारु या स्वाधिन एक किलो प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव करने की सलाह दी गयी है. इसके अलावा भी विभिन्न कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी गयी है.

    किसानों से सोयाबीन की फसल के विषय में बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि इस बार सोयाबीन के उत्पादन में 25 प्रश कमी आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है. इसी तरह अनेक क्षेत्रों में कपास की फसलों पर बोंड इल्ली और लाल्या रोग का संक्रमण देखा जा रहा है.

    फसलों की स्थिति बहुत अच्छी है लेकिन कीटकों के संक्रमण के कारण सोयाबीन और कपास की फसलें प्रभावित हो रही है. यदि एक तेज बारिश हो जाती है तो फसलों को कीटकों से राहत मिल सकती है, ऐसा भी कुछ किसानों का कहना है. यदि कपास की फसलों पर बोंड इल्ली और लाल्या रोग का संक्रमण रोका नहीं जा सका तो कपास का उत्पादन भी इस वर्ष घट सकता है. 

    अनेक क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई

    इस वर्ष अकोला तहसील में 49,914 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की गयी है. इसी तरह अकोट में 10,575 हे., तेल्हारा में 12,505, बालापुर में 19,210, पातुर में 27,540, बार्शीटाकली में 34,928 तथा मुर्तिजापुर तहसील में 38,038 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की गयी है. इस तरह सोयाबीन की फसल की ओर किसानों का रुझान काफी बढ़ा हुआ है. फिलहाल किसान सोयाबीन की फसल पर विभिन्न कीटनाशकों के छिड़काव में लगे हैं.