सरकार द्वारा घोषित आरक्षण को लेकर, मराठा समाज में नाराजी का वातावरण

Loading

अकोला. राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण घोषित किया गया है. इस आरक्षण को लेकर समाज में नाराजी देखी जा रही है. इस बारे में मराठा समाज के नेताओं से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि मराठा समाज के लिए स्वतंत्र आरक्षण घोषित करना चाहिए. प्रस्तुत है

मराठा समाज के नेताओं की प्रतिक्रियाएं-

डा. अभय पाटिल

इस बारे में स्थानीय आर्थोपेडिक सर्जन तथा कांग्रेस नेता डा.अभय पाटिल का कहना है कि राज्य सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण तो दिया है लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि आनेवाले समय में सरकार ने मराठा समाज को सेफ्रेटली आरक्षण देना चाहिए, जिसके नियम सिर्फ मराठा समाज के लिए लागू हों तो उस आरक्षण का सही लाभ मराठा समाज को मिल सकेगा, ऐसा मेरा मानना है. 

कृष्णा अंधारे

अ.भा.मराठा महासंघ के अकोला जिलाध्यक्ष तथा राकां नेता कृष्णा अंधारे का कहना है कि सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण दिया है. ठीक है लेकिन हमारी मांग है कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को स्वतंत्र आरक्षण देना चाहिए जिसका सही लाभ मराठा समुदाय को मिल सकेगा. सरकार द्वारा घोषित इस आरक्षण का सही लाभ समाज को नहीं मिल पा रहा है. इसलिए हमारी यह मांग है. 

विनायक पवार

मराठा महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनायक पवार ने सरकार द्वारा घोषित आरक्षण के संदर्भ में नाराजगी प्रकट की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मराठा समाज को दिया गया आरक्षण यह काफी नहीं है. इससे आरक्षण की लड़ाई की तीव्रता को कम कर दिया है. 25 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई है, और सरकार द्वारा जल्द बाजी में यह आरक्षण की घोषणा किस उद्देश्य से की है यह सवाल उठ रहा है. सरकार यह निर्णय रद्द करें यह मांग भी उन्होंने की है. 

डा.अशोक ओलंबे

भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डा.अशोक ओलंबे ने कहा कि जब राज्य में भाजपा की सरकार थी तब मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए भाजपा द्वारा पहल की गयी. लेकिन उस वक्त आरक्षण नहीं दिया जा सका. वह कार्य अब राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने पूर्ण किया है. एक मराठा लाख मराठा का नारा देते हुए मराठा समाज ने संपूर्ण राज्य में आंदोलन किया था. आज दिया गया यह 10 प्रश आरक्षण उसी का फल है.