- कुछ दिनों से चल रहा
अकोला. पिछले सप्ताह ऐसा लग रहा था कि ठंड का मौसम आ गया है क्योंकि न्यूनतम तापमान पिछले सप्ताह 10 डिसे तक आ गया था. ठंड का मौसम नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में ही शुरू होने से लोग काफी हर्षित देखे जा रहे थे. लेकिन यह मौसम अधिक दिनों तक नहीं रहा और मौसम में अचानक फिर से एक बार परिवर्तन हो गया है. पिछले तीन दिनों से फिर से मौसम गर्म होने लगा है. दोपहर के समय मौसम गर्म होने के साथ साथ उमस भी बढ़ने लगी है. रात के समय कम स्पीड में ही सही लेकिन सीलिंग फैन का उपयोग लोग करने लगे हैं नहीं तो नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में फैन का उपयोग बंद हो गया था.
फिर बदला मौसम
पिछले तीन चार दिनों से गर्मी और उमस बढ़ने लगी है. सोमवार की सुबह न्यूनतम तापमान 21.4 डिसे दर्ज किया गया था तथा अधिकतम तापमान 30.8 दर्ज हुआ था. इससे ही मौसम के परिवर्तन का अंदाज लगाया जा सकता है. और तो और मंगलवार की सुबह न्यूनतम तापमान 22.3 डिसे दर्ज किया गया है. इस तरह अब ठंड के दिनों में मौसम काफी गर्म हो गया है. जिस कारण लोगों का गर्म कपडों का उपयोग बंद हो गया है.
लगातार बदरीला मौसम
पिछले कुछ दिनों से शहर तथा जिले में बदरीला मौसम है. बादल छाए हुए हैं. लेकिन मौसम ठंडा नहीं है. उमस और गर्मी में कोई कमी नहीं है. बदरीला मौसम होने के बावजूद भी मौसम सुहावना नहीं है. आसमान साफ ना होने के कारण थोडी उमस बनी हुई है.
रबी के लिए अच्छा नहीं है यह मौसम
किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि, रबी की फसलों के साथ साथ तुअर की फसल के लिए यह मौसम अच्छा नहीं है. तुअर के पेड तथा फल्लियों में कीटकों का संक्रमण देखा जा रहा है. किसानों का कहना है कि यह बदरीला मौसम कीटकों और इल्लियों के लिए काफी पोषक है. इस कारण किसानों को तुअर के साथ साथ अन्य फसलों पर कीटक प्रतिबंधक छिड़काव करने पड़ रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में बदरीले मौसम के साथ साथ पानी के छींटे भी पड़े हैं. इस तरह यह मौसम रबी की फसलों के लिए हानिकारक है.
मौसम बदलने से बढ़ी बीमारियां
दोपहर के समय उमस रहती है और मौसम गर्म रहता है. वहीं रात 10 बजे के बाद मौसम ठंडा होने लगता है. इस कारण सर्दी, खांसी, बुखार के रोगी बढ़ रहे हैं. अस्थमा के रोगियों को भी तकलीफ हो रही है. छोटे बच्चों में भी सर्दी, खांसी की बीमारी देखी जा रही है इसलिए छोटे बच्चों के साथ साथ सभी के स्वास्थ्य की तरफ ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है.