Drain Construction, Nali

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अकोला. महत्वाकांक्षी भूमिगत गटर योजना की समयावधि दो बार बढ़ाने के बाद अब फिर 31 दिसंबर को  समयावधि खत्म हो रही है लेकिन इसका लगभग 10 प्रतिशत काम अभी भी बाकी है 

 सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र जीवन प्रधिकरण (मजीप्रा) से एक प्रस्ताव मिलने के बाद, मनपा प्रशासन योजना के काम का विस्तार करेगा. अब तक, योजना का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्यों के लिए तीसरी बार योजना को आगे बढ़ाया जाएगा. सरकार ने अमृत योजना को हरी झंडी देते हुए अकोला के लिए 79 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. 

90 प्रश कार्य पूर्ण

योजना के पहले चरण में, मोर्ना नदी में आने वाले नालों के पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में इकट्ठा किया जाएगा और ट्रीट किया जाएगा. तदनुसार, मोर्ना नदी के बाईं ओर 2.39 किमी और दाईं ओर 11.68 किमी की ट्रंकलाइन बिछाने, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सीवेज की निकासी के लिए मुख्य नाले के साथ 2.17 किमी के नलकूप का निर्माण, शिलोड़ा में 30 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना और पीकेवी में 7 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, दोनों स्थानों पर पम्पिंग स्टेशन आदि जैसे कार्य प्रस्तावित थे. जिसमें से 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.

ट्रंकमैन लाइन पर काम 95 फीसदी पूरा हो गया है और शिलोड़ा में पंपिंग स्टेशन 99 फीसदी पूरा हो गया है. इन कार्यों और एक्सप्रेस फीडरों के पूरा होने के बाद ही इस योजना को लागू किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिलोड़ा में एसटीपी क्षेत्र में मशीन द्वारा किया जाने वाला काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है. एसटीपी तक सड़क न होने के कारण ये काम ठप हैं.

एक्सप्रेस फीडर का काम ठप!

यह पता चला है कि इस योजना के लिए एक्सप्रेस फीडर का काम महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की मंजूरी के बाद भी रुका हुआ है, जो तकनीकी सलाहकार के रूप में काम करता है. इस संबंध में, मजीप्रा और मनपा प्रशासन के बीच केवल पत्राचार का खेल शुरू है. शिलोड़ा में 30 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बिजली आपूर्ति सुचारु रखने के लिए 1.36 करोड़ रुपये की लागत से एक एक्सप्रेस फीडर स्थापित किया जाएगा.