Uday Deshmukh

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अकोला. अनेकों वर्षों से खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र की समस्याएं हल नहीं हो सकी हैं. अभी भी खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्रों में आनेवाले गांवों के लोगों तथा विशेष रूप से किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विशेष बात यह है कि यह खारे पानी का पट्टा अकोला जिले के साथ साथ अमरावती और बुलढाना जिले की 16 तहसीलों के अनेक गांवों तक फैला हुआ है. लेकिन यहां की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार अभी भी गंभीर नहीं है.

करीब दो दशक से अधिक समय पूर्व खारे पानी पट्टा उच्चाधिकार समिति की स्थापना की गयी थी. इस समिति ने खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र की समस्या हल करने के लिए एक अहवाल तैयार करके सन 2001 में राज्य सरकार को सौंपा था. प्राप्त जानकारी के अनुसार सन 2003 में राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट को तत्वत: मान्यता दी थी. लेकिन अभी तक इस पर कोई विशेष अमल नहीं किया गया है.

खारे पानी के पट्टे वाला क्षेत्र जैसा उपेक्षित पहले था, वैसा ही उपेक्षित अभी भी है. खारे पानी पट्टा उच्चाधिकार समिति द्वारा एक सिफारिश की गयी थी, कि खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र के लिए 1636 करोड़ रु. की विकास निधि उपलब्ध करवानी चाहिए. अब तक यह निधि बढ़कर दोगुनी से पांच गुणी हो गयी होगी.

समिति ने की थीं कई सिफारिशें

यह उल्लेखनीय है कि, इस समिति द्वारा कई सिफारिशें की गयी थी. जिस में कहा गया था कि खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र के युवकों को नौकरी में प्राथमिकता, इस क्षेत्र की विकास योजनाओं में सरकारी मापदंड में सरलता लाई जाए, इसी तरह इस क्षेत्र में महावितरण की लोड़शेडिंग बंद की जानी चाहिए, जिससे जलापूर्ति नियमित रूप से हो सके. क्योंकि इस क्षेत्र की जलापूर्ति योजना बिजली पर निर्भर है. इस क्षेत्र के किसानों को खेती से जुड़े पूरक धंधों के लिए कर्ज तथा अनुदान दिया जाना चाहिए.

इसी तरह सरकार ने कुछ इस तरह की योजनाएं शुरु करनी चाहिए, जिससे किसान इस क्षेत्र में खेती ठीक तरह से कर सकें. ट्रैक्टर तथा बैल जोड़ी खरीदने के लिए भी किसानों को अनुदान दिया जाना चाहिए. पीने का पानी सभी को मिल सके, इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए. लेकिन इसमें से किसी भी सिफारिश पर गंभीरता से अमल नहीं किया गया है. 

सरकार चाहे तो समस्याएं हल हो सकती हैं-प्रा.उदय देशमुख

खारे पानी पट्टा उच्चाधिकार समिति के तत्कालीन सदस्य तथा कांग्रेसी नेता प्रा.उदय देशमुख का कहना है कि खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बनाए गए नेरधामना बैरेज से इस क्षेत्र के किसानों को काफी लाभ होगा. यह बैरेज पूरी तरह से कार्यान्वित होने के बाद निश्चित ही इससे खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र के किसान लाभान्विंत होंगे.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी खारे पानी के पट्टे वाले क्षेत्र में कई समस्याएं हैं. इसके लिए हमारी महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार से भी मदद की मांग करनी चाहिए. इसी तरह राज्य सरकार ने कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि, इस क्षेत्र का लोडशेडिंग पूरी तरह से बंद करना चाहिए जिससे क्षेत्र की जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित न हों. इसी के साथ साथ खेत रास्तों का निर्माण भी बहुत जरूरी है. इसी तरह क्षेत्र के किसानों को सरकार की विविध योजनाओं में सबसीडी का लाभ भी मिलना चाहिए.