अमरावती. महानगर पालिका स्वच्छता पर तो लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन स्वच्छता सर्वे का जब परिणाम आया तो पता चला कि अमरावती देश में फिसलकर 89वें नंबर पर पहुंच गया, जबकि 2021 में अमरावती की रैंकिंग 54 थी. राज्य की रैंकिंग में इतना जरूर है कि सुधार नहीं हुआ वह 18 वीं रैंकिंग पर बरकरार रही लेकिन यदि अभी भी स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया तो इसमें और गिरावट देखने को मिल सकती है.
अधिकारियों को जानकारी ही नहीं
हैरानी की बात यह है कि शनिवार को परिणाम आने के बाद रविवार को भी मनपा अधिकारियों को पता नहीं था कि स्वच्छता सर्वे में अमरावती की रैंक क्या है? अधिकारियों से नहीं जानकारी मिलने पर उनको रैंक बताई गई ऐसी स्थिति में अमरावती महानगर पालिका द्वारा रैंकिंग में सुधार लाना संभव नहीं दिखाई पड़ रहा है. इसके लिए शहरवासियों को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी तभी शहर की रैंकिंग को स्वच्छता सर्वे में सुधारा जा सकता है.
सफाई व्यवस्था का बटाधार
देशभर में हो रहे सर्वे के लिए बहुत बड़ी योजना के साथ काम किया जाता है लेकिन अमरावती मनपा में स्वच्छता सर्वे तो छोड़ो सामान्य सफाई पर ध्यान नहीं है. शहर के प्रमुख चौक, बाजारों में गंदगी का आलम है. घनी बस्तियों में जहां सबसे अधिक सफाई होनी चाहिए वह नहीं हो रही है. लाखों-करोड़ों रुपए हर माह डकार रहे सफाई के ठेकेदार मनमर्जी से काम कर रहे हैं. जिस पर मनपा प्रशासन सिर्फ चुप्पी साधे हुए है.
इंदौर को सर्वाधिक 7,146 अंक
देशभर में हुए स्वच्छता सर्वे में सेवा स्तर पर प्रगति के 3 हजार अंक, नागरिकों का सहभाग और प्रत्यक्ष निरीक्षण दोनों के 2 हजार 250 अंक, प्रमाणीकरण में स्टार रेटिंग, वॉटर प्लस, ओडीएफ डबल प्लस के 2 हजार 250 अंक रखे गए थे. इस वजह से कुल 7500 अंक हो रहे हैं. वहीं, स्वच्छता सर्वे में देश में पहला स्थान पाने वाले इंदौर को 7 हजार 146 अंक मिले हैं.