Khadi
Representational Pic

    Loading

    अमरावती. खादी निर्माण उद्योग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतमंद महिलाओं को स्थायी रोजगार प्रदान कर सकता है. खादी के प्रचार और प्रसार के साथ खादी के उपयोग को प्रोत्साहित करने से इस क्षेत्र में उद्योग और रोजगार के कई अवसर पैदा हो सकते हैं. इसके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास करने क बात जिलाधिकारी पवनीत कौर ने सोमवार को कही. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और कस्तूरबा सौर खादी महिला समिति द्वारा बडनेरा रोड स्थित तपड़िया सिटी सेंटर की तीसरी मंजिल पर खादी उत्सव प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया. जिसके उद्घाटन पर वे बोल रही थीं. 

    300 महिलाओं को स्थायी रोजगार

    यह देश में एकमात्र प्रकल्प है जिसे पूरी तरह से महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए लागू किया गया है. कस्तूरबा सौर खादी महिला समिति जिले के किसानों से कपास खरीदती है और उससे कच्चा माल बनाती है. यह कच्चा माल लेकर विभिन्न गांवों में स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्य सूतकताई करती है. उसके बाद सौर खादी कपड़ा और विभिन्न सौर खादी उत्पादों का निर्माण किया जाता है. इस परियोजना में अमरावती जिले की 300 से अधिक महिलाओं को स्थायी रोजगार मिला है. इसमें अमरावती जिले के धारणी तहसील की 100 आदिवासी महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा, धारणी तहसील के मांडू गांव में एक बुनाई केंद्र स्थापित किया गया है और 15 से अधिक युवक-युवतियों को आजीविका के लिए स्थायी रोजगार प्रदान किया गया है, यह जानकारी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी प्रदीप चेचरे ने दी.

     15 अगस्त तक चलेगी प्रदर्शनी

    यह प्रदर्शनी 15 अगस्त तक चलेगी. इस प्रदर्शनी में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं आदि के लिए खादी से बने सभी प्रकार के कपड़े बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. श्रीमती खडसे ने कहा कि नए बाजारों की खोज कर ब्रांड को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि खादी दूर-दूर तक पहुंच सके. इस समय जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक शिवकुमार मुत्तेमवार, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी प्रदीप चेचरे, तापड़िया सिटी सेंटर के कार्यकारी संचालक मधुर लढ्ढा, कस्तूरबा समिति की पदाधिकारी रूपाली खडसे, प्रणिता किडिले, कल्पना शेंदोकर, वर्षा चौधरी और वर्षा जाधव उपस्थित थी.