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अमरावती. पुरानी पेन्शन योजना लागू करने की प्रमुख मांग को लेकर विभिन्न प्रलंबित 18 मांगों के लिए सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों ने मंगलवार से बेमियादी हडताल शुरू कर दी है. हडताल में जिले के 53 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने से जिला परिषद, महानगरपालिका, नगर पंचायत, नगर पालिका समेत अन्य सरकारी, अर्धसरकारी कार्यालयों का कामकाज ठप हो चुका है. जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि आपातकालीन सेवाएं शुरू है. आंदोलन के तहत शहर समेत विभिन्न तहसीलों में कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया.

जिलाधीश कार्यालय पर नारेबाजी

शहर में जिलाधीश कार्यालय पर हजारों की संख्या में कर्मचारी व शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया. उसी प्रकार विविध तहसीलों में आंदोलन जारी रहा. आंदोलनकारियों के अनुसार 1 नवंबर 2005 से सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई. उसके लिए 1982 की पुरानी पेंशन योजना बंद की गई. सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों को वेतन से आधी पेंशन दी जाती है. सरकारी कर्मचारी का निधन होने के बाद यह पेंशन उसकी पत्नी को मिलती है. जीवन के अंतिम पड़ाव में आहार व औषधियों के मदद रहती हैं, जबकि पेंशन योजना में केवल 8 प्रतिशत रकम मिलती है. मसलन निवृत्त कर्मियों को न्यूनतम 1500 रुपएं व अधिकतम 7 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. नई पेंशन में कर्मचारियों के हर माह के वेतन से 10 प्रतिशत रकम कटौतिकर सरकार 14 प्रतिशत अपना हिस्सा मिलायेगी. सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना ही लाभदायी होने की बात कही गई.

विधायक खोडके का समर्थन

विधायक सुलभा खोडके ने राज्यभर के 17 लाख कर्मचारियों की हड़ताल को अपना समर्थन घोषित किया है. सदन में उन्होंने कहा कि चुनाव दौरान पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आश्वासन दिए जाते है. चुनाव खत्म होते ही यू-टर्न लिया जाता है. सरकार ने दावा किया कि, पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर राज्य दिवालियां हो जायेगा. जिस पर खोडके ने जवाब देते हुए कहा कि पंजाब, छत्तीसगड, राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू है. तीनों राज्यों का जीडीपी महाराष्ट्र से कम है. महाराष्ट्र में यह योजना लागू होने पर कोई आर्थिक बोझ नहीं बढ़ने वाला है.

Old Pension

विभिन्न संगठन भी आए साथ में

हडताल में विभिन्न सरकारी संगठन शमिल हुए. जिसमें जिप कर्मचारी महासंघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन, जिप कर्मचारी युनियन, लिपीक वर्ग संगठन, प्राथमिक शिक्षण समिती, शिक्षकेतर कर्मचारी संगठन आदी ने समर्थन देकर बेमियादी हडताल में सहभाग लिया है. अनुमान के मुताबिक 10947 कक्षा 3 के सरकारी कर्मी, जिप 8598, मनपा 942 उसके अलावा 839 चतुर्थ श्रेणी हड़ताल में सहभागी हुए.