- जिले के नदी, नाले उफान पर
- चौबीस घंटे में 14 मकान ढहे, एक बहा
अमरावती. विगत दो दिनों से जिले में लागातार शुरु बारिश से सभी नदी, नाले उफान पर है. नतिजतन सभी सिंचाई प्रकल्प भी लबालब भर गए है. इसी क्रम में मोर्शी के सिंभोरा स्थित अप्पर वर्धा बांध के 11 गेट शुक्रवार को खाले गए है. 35 सेंटीमीटर तक खोले गये इन गेट 6.20 दशलक्ष घनमीटर प्रति सेकंद से जलविसर्ग शुरु होने की जानकारी उपविभागीय अभियंता सतीश चौहान ने दी है. लगातार हो रही बारिश के चलते अनेक जगह नुकसान भी हुआ है. बीते चौबिस घंटों में अमरावती व तिवसा तहसील में 14 मकान ढहे है. जबकि जबकि सिपना नदी में धर्मराज कुवरसा धुर्वे (42) बह गया है.
संभाग में 3 बडे, 10 मध्यम प्रकल्प ओवर फ्लो
पांच जिलों में भी शानदार बारिश होने के चलते संभाग के लघु प्रकल्प तो ओवर फ्लो ही गए है, बल्कि 3 बडे, 10 मध्यम प्रकल्प के भी गेट खाले गए है. अमरावती जिले के अप्पर वर्धा बांध के साथ अकोला का काटेपूर्णा तथा बुलढाणा के खडकपूर्णा डैम के गेट खोला गए है. आवेर फ्लो मध्यम प्रकल्पों में अमरावती का पूर्णा, यवतमाल का सायखेडा, बोरगांव, नवरगांव, अकोला का घुंगशी बैरेज, वाशिम का अडाण, सोनल, बुलडाणा का मस, मन तथा उतावली डैम का समावेश है.
अब तक 2167.4 हे. फसलें बर्बाद
इन मानसून में 14 अगस्त तक 2167.4 हेक्टेयर क्षेत्र बर्बाद हो चुका है. अमरावती में 200 हेक्टे, भातकुली में 161 हेक्टे, नांदगांव खंडेश्वर 428, मोर्शी 67.8, दर्यापुर 1260 हेक्टे, अंजनगांव सुर्जी 12 हेक्टे, धारणी 86.6 और चिखलदरा में 3 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई.
35 वर्ष का पूराना पेड जमीनदोज
इंदिरा नगर परिसर में हनुमान मंदिर के बाजू में निम, पिपल समेत कई पूराने पौंधे है. लगातार हो रही बारिश के चलते 35 वर्ष पूराना पेड गुरुवार की रात जमीनदोज हो गया. रात के दौरान यह घटना होने से किसी भी प्रकार की जिवित हानी नहीं हुई है. यह पूराना पेड पूर्व विधायक प्रकाश पाटिल भारसाकले के हाथों 1985-86 में पौंधारोपन कार्यक्रम में लगया गया.
पूर्णा प्रकल्प के 3 गेट खुले
चांदुर बाजार. विश्रोली स्थित पूर्णा प्रकल्प के 3 व्दार 10 सेमी खोले गये. इस दौरान प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को सतर्कता की चेतावनी दी है. मध्यप्रदेश के भैसदेही व बाजपाइ गांव में दो दिनों से जमकर झमाझम बारिश हो रही है. जिससे विश्रोली में पर्याप्त जलसंचय जमा हुआ. 72.35 फीसदी जलसंचय जमा होने से पूर्णा प्रकल्प के तीन व्दार खोले गये. अगस्त माह शुरु होने से पर्याप्त जलसंचय जमा है. कनिष्ठ अभियंता अक्षय इरसकर ने बताया कि विश्रोली में 24 घंटे में 48 मिमी, सवलमेंढा में 44 मीमी, बापजाई में 35 मिमी, भाइसदेही 53 मिमी बारिश दर्ज की गई.