Green Pigeon, Hariyal

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अमरावती. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की तरफ से पक्षी सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस सर्वेक्षण में मेलघाट में इसके पूर्व दर्ज हुए 307 पक्षी प्रजाति में से करीबन 230 प्रजाति के पक्षी दर्ज किए गए. नई सूची के मुताबिक मेलघाट के पक्षियों की सूची 308 हो गई है. मेलघाट में पहली बार सूची में समावेश न रहे नारंगी छाति का हरियल पक्षी दिखाई दिया है.

ई-बर्ड पर पक्षियों की कुल 658 सूची अपलोड

पक्षी सर्वेक्षण में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि देश के 8 राज्यों के कुल 40 पक्षी अभ्यासक शामिल हुए थे. सभी सहभागी पक्षी मित्र सर्वेक्षण नियोजन के मुताबिक मेलघाट के चार विभागों के कुल 32 ठिकानों पर रवाना हुए. उन्होंने दो दिनों में प्रत्यक्ष में पक्षी अभ्यास और पंजीयन किया और यह सभी जानकारी ई-बर्ड पोर्टल पर तथा प्रपत्र में लिखित स्वरtप में दर्ज की गई. सभी अभ्यासकों ने मिलकर ई-बर्ड पर पक्षियों की कुल 658 सूची अपलोड की है.

मेलघाट में दर्ज पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या में जंगल सातभाई पाए गए हैं. पश्चात टोई पोपट और कांठेरी पोपट व बुलबुल पक्षी दिखाई दिए. महाराष्ट्र का राज्य पक्षी पीले पैरों का हरियल भी बड़ी संख्या में पाया गया है. सबसे महत्वपूर्ण यानी विश्व में और विशेष रूप से यूरोप में तेजी से कम हो रहे और भारत में ठंड के मौसम में स्थालंतर कर आने वाले काला करकोचा प्रजाति की संख्या 250 तक पाई गई.

इस कारण मेलघाट की नदियां और वान बांध का पिछला हिस्सा और कुल तालाब इस काला करकोचा के लिए उत्तम अधिवास रहता सिद्ध होता है. मेलघाट में पहली बार पाया गया नारंगी छाति का हरियल पक्षी केलपानी में दिखाई दिया है. इस क्षेत्र में स्थलांतरित छोटे कान का उल्लू, नीले सिर का कस्तुर ऐसे अनेक दुर्लभ पक्षी दिखाई दिए. इस कारण मेलघाट के पक्षी विश्व संपन्न रहने की बात फिर से एक बार सिद्ध हुई है.