Thane, Murder, Maharashtra
प्रतीकात्मक फोटो

Loading

अमरावती. आश्रमशाला में प‍ढ़ रही नाबालिग छात्रा की तबीयत खराब हो गई जिसे आश्रमशाला के शिक्षकों द्वारा घर जाने की सलाह दी गई. इसके बाद जब यह नाबालिग घर की ओर निकली तो बीच रास्ते में उसकी मौत हो गई. परिजनों ने नाबालिग की मौत के जिम्मेदार आश्रमशाला प्रशासन को बताया है.

चिखलदरा के नवलगांव निवासी सैबुलाल ओंकार भुसूम की नाबालिग बेटी श्रावणी बडनेरा के अंगरेजी माध्यम आश्रमशाला में कक्षा 10 वीं में शिक्षा ले रही थी. श्रावणी सिकलसेल बीमारी से पीड़ित थी. 6 अक्टूबर को उसकी तबीयत बिगड जाने से आश्रमशाला प्रशासन द्वारा उसे घर जाने की सलाह दी गई. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई उपाययोजना न करते हुए उसे घर भेज दिया.

घर लौटते समय वलगांव के पास उसकी तबीयत और खराब हो गई. तब उसे जिला अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. परिजनों ने श्रावणी की मौत के लिए आश्रमशाला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस ने फिलहाल आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है.