
अमरावती. राज्य की सभी रजिस्टर संस्थाओं, सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों , कारखानों, कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न व प्रताड़नाओं की रोकथाम कर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अनिवार्य विशाखा समितियों का प्रभावी अमल करने के लिए अब राज्य स्तर पर टास्क फोर्स बनेगी. राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री एड यशोमति ठाकुर ने बुधवार को यह निर्णय लिया. इस तरह महाराष्ट्र पहला राज्य होगा. जहां महिला की सुरक्षा के लिए इस तरह की टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है.
30 अप्रैल तक रिपोर्ट तलब
कामकाजी महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए विशाखा समिति के प्रभावी अमल की आवश्यकता को देखते हुए राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री एड यशोमति ने मुंबई में सभी विभागों के सचिवों की बैठक ली. राज्य के सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर समिति का गठन किया गया है.
उन्होंने महिला कर्मचारियों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए. उपजिलाधिकारी द्वारा नियोजन समिति के लिए एक समन्वय अधिकारी को नियुक्त कर उनके कार्यक्षेत्र में लैंगिक शिकायतों को समिति के पास भेजे. इस संदर्भ में जिलाधिकारी को वह रिपोर्ट भेजकर उनके माध्यम से महिला बाल विकास मंत्री को रिपोर्ट भेजी जाए.
प्रति वर्ष 30 अप्रैल तक यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश मंत्री ने दिए हैं. बैठक में सचिव आयए कुंदन, श्रम विभाग की सचिव विनिता वेद व सभी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. मेलघाट में आरएफओ दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के बाद महिला मंत्री यशोमति ने यह निर्णय लिया है.