Crops Damaged
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अमरावती. मोर्शी तहसील में बेमौसम बारिश होने के बाद तत्काल नुकसान हुए फसलों का निरीक्षण कर पंचनामा कर नुकसान भरपाई देने की मांग किसान कर रहे हैं. लेकिन 6 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक संबंधित विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. किसानों को संबंधित विभाग उदासिन दिखाई दे रहा है. मोर्शी तहसील में 26 नवंबर से 1 दिसंबर तक बेमौसम बारिश के कारण खराब हुई फसलों के पंचनामे को लेकर राजस्व और कृषि विभाग उदासीन हैं. एनसीपी के तहसील उपाध्यक्ष रूपेश वालके ने आरोप लगाया कि प्रशासन स्तर पर पंचनामे का मजाक उड़ाया जा रहा है.

6 दिन बाद भी प्रशासन नींद में

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे पत्र में कहा कि 6 दिन की अवधि बीत जाने के बावजूद पंचनामा अभी भी लंबित है. आमने-सामने के पंचनामे गुमराह करने वाले होंगे जबकि वास्तव में मुआवजे का फॉर्म भरना होगा. इसमें राजस्व व कृषि विभाग के स्तर पर उत्साह की कमी किसानों की परेशानी बढ़ा रही है. जब उनके कर्मचारी कभी हड़ताल पर हों, कभी छुट्टी पर हों, कभी दूसरे काम में फंसे हों तो क्या लोगों को पंचनामा होने तक खेत जोतना बंद कर देना चाहिए? अभी भी बेमौसम बारिश की संभावना है, एसी में काम करने वाले अधिकारियों को इस नुकसान का पता कैसे चलेगा?

राकां तहसील अध्यक्ष नरेंद्र जिचकर, महिला राष्ट्रवादी कांग्रेस तहसील अध्यक्ष वृषाली विघे, युवा शहर अध्यक्ष अंकुश घराड, राकांपा तहसील उपाध्यक्ष रूपेश वालके, कृषि उपज बाजार समिति के संचालक प्रकाश विघे, उमेश गुडधे, विलास राउत, रोशन राउत, हितेश उंडेरे, पंकज शेलके ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से मुलाकात कर चुके हैं.

तुअर, कपास व सब्जियों को भारी क्षति

मोर्शी तहसील के किसान बेमौसम बारिश के कारण पूरी तरह से हिल गए हैं. महंगे बीज, खाद की लागत, कपास संतरे की फसल पर सेवा समाज को ऋण, फसल पर निर्भर त्योहारों से लेकर सांसारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन के एकमात्र साधन तक, कृषि लहर बारिश पर निर्भर करती है. इस वर्ष बेमौसम बारिश ने हाथ-मुंह आयी फसल छीन ली. तहसील में सात दिनों तक हुई बेमौसम बारिश के कारण कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ. खेतों में क्षतिग्रस्त कपास, अरहर, सड़ी हुई सब्जियां मनुष्यों और जानवरों के लिए खाने योग्य नहीं हैं. इस नुकसान का पंचनामा समय पर होने पर किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद है, लेकिन सरकारी तंत्र निष्क्रिय भूमिका में है.

मोर्शी तहसील में भले ही बेमौसम बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन कृषि और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अलग सुर में नजर आ रहे हैं, जब किसान उनसे किसान पंचनामा करने की मांग कर रहे हैं, तब  वे कहते हैं  कि हमें अभी तक पंचनामा आदेश नहीं मिला है.