court send Anil Deshmukh to ED custody till November 15
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    मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को कहा कि, वह प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा धनशोधन (Money Laundering) मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को जारी समन के खिलाफ उनकी याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई करेगा।

    न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) यदि आवश्यक हो तो याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल कर सकता है। देशमुख ने इस महीने की शुरुआत में ईडी द्वारा जारी किए गए पांच समन को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी और कहा था कि यह मामला ”राजनीतिक प्रतिशोध” का परिणाम है।

    बृहस्पतिवार को ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई की अपील की ताकि भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एजेंसी की ओर से पेश होकर अपनी दलीलें पेश कर सकें। हालांकि, देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी और अधिवक्ता अनिकेत निकम ने तर्क दिया कि अदालत को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने के लिए बृहस्पतिवार को ही मामले की सुनवाई करनी चाहिए।

    उच्च न्यायालय ने कहा कि वह 29 सितंबर को याचिका में उठाए गए सभी तर्कों पर सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने कहा, ”ईडी यदि आवश्यक समझे तो अपना जवाब दाखिल कर सकता है।” केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस साल 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद ईडी ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।

    देशमुख ने अपनी याचिका में कहा कि एजेंसी का पूरा मामला बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा दिए गए ”दुर्भावनापूर्ण बयानों” पर आधारित था, जो फिलहाल मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक सामग्री रखी एक एसयूवी मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। देशमुख ने ईडी के दावों का खंडन किया कि उन्होंने गृह मंत्री रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वाजे के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए।