औरंगाबाद महानगरपालिका ने गुंठेवारी कानून के अंतर्गत 7 हजार 766 फाईलों को दी मंजूरी

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    औरंगाबाद : शहर में पिछले 25 से 30 सालों में बड़े पैमाने पर अनाधिकृत बस्तियों (Unauthorized Settlements) का निर्माण हुआ। उन बस्तियों में हजारों घरों का निर्माण कर लोग अपना वहां जीवन गुजार रहे है। उन अवैध संपत्तियों (Illegal Properties) को रेगुलाइज कराने के लिए महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने दिसंबर 2020 तक के सभी अनाधिकृत निर्माण कार्य वैध कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) के नगर रचना विभाग ने अब तक 7 हजार 766 फाईलों को मंजूरी दी। जिससे महानगरपालिका की तिजोरी में 95 करोड़ 15 लाख 67 हजार 918 रुपए जमा होने की जानकारी महानगरपालिका के नगर रचना विभाग के उपसंचालक एबी देशमुख ने पत्रकारों को दी।

    उन्होंने बताया कि महानगरपालिका प्रशासन ने गुंठेवारी कानून के तहत जिन लोगों ने अपने घरों को वैध कराने के लिए महानगरपालिका के पास फाईले जमा की। जिन फाईलों को मंजूरी देने के बाद उससे मिले राजस्व की राशि जमा करने के लिए महानगरपालिका प्रशासन ने अलग से बैंक खाता खोला है। उसी में यह राशि जमा की जा रही है। देशमुख ने बताया कि सरकार के आदेश पर गुंठेवारी क्षेत्रों की संपत्तियां रेगुलाइज करने के लिए शुल्क रेडी रेकनर दाम निश्चित किया गया है। निवासी संपत्ति के लिए 1500 स्क्वायर फीट तक रेडी रेकनर के 50 प्रतिशत शुल्क, वहीं व्यावसायिक संपत्तियों के लिए संपूर्ण रुप से रेडी रेकनर दाम वसूला जा रहा है।

    नगर रचना विभाग के उपसंचालक एबी देशमुख ने बताया कि कई लोगों ने तय समयावधि में प्रस्ताव दाखिल न करने से महानगरपालिका प्रशासन द्वारा उनके लिए दी गई छुट में कमी हो रही है। सरकार ने 11 महीने पूर्व यह योजना लागू की थी। गत 11 महीने में महानगरपालिका के पास 9 हजार 286 फाईल लोगों ने अपने घरों को रेगुलाइज कराने के लिए दाखिल की थी। जिसमें 7 हजार 766 फाईल ही मंजूरी दी गई है। जबकि, 507 फाईलों को नामंजूर किया गया है। प्रशासन के पास 1 हजार 13 फाईलें प्रलंबित है। उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। यह सभी फाईले मंजूर होने की प्रतिक्षा में है। 

    देवलाई परिसर की सबसे अधिक फाईलें 

    नगर रचना विभाग के उपसंचालक एबी देशमुख ने बताया कि सरकार ने 11 महीने पूर्व गुंंठेवारी संपत्तियों को रेगुलाइज करने की योजना लागू करने के बाद सबसे अधिक फाईलें शहर के देवलाई परिसर से महानगरपालिका प्रशासन के पास आयी है। उस परिसर के 3 हजार 972 संपत्ति धारकों ने अपनी संपत्तियों को नियमित करने के लिए फाईलें दाखिल की थी। जिसमें 3 हजार 191 फाईलों को मंजूर किया गया है। सिडको ने झालर क्षेत्र के लिए तैयार किए विकास प्रारुप के आरक्षण सातारा-देवलाई में डालने के कारण 208 फाईलों को नामंजूर किए जाने की, जानकारी नगर रचना विभाग के उपसंचालक एबी देशमुख ने दी।