BJP leader Kenekar took over as MHADA chairman after High Court order

    Loading

    औरंगाबाद : राज्य की तत्कालीन फडणवीस सरकार (Fadnavis Sarkar) द्वारा औरंगाबाद म्हाडा (Aurangabad MHADA) के चैयरमैन पद (Chairman Post) पर बीजेपी नेता संजय केणेकर (Sanjay Kenekar) की अंशकालिक नियुक्ति (Part Time Appointment) की  थी।  राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद ठाकरे सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर केणेकर को सभापति पद से से हटाया था। इसके खिलाफ संजय केेणेकर ने मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दायर की  थी। इस मामले पर हाईकोर्ट ने  केणेकर को सभापति पद पर  बरकरार रखा है। जिसके चलते केणेकर ने सोमवार को सभापति का पदभार  संभाला।

    सभापति का पदभार संभालते ही उनके चाहने वालों का सोमवार को दिन भर म्हाडा कार्यालय में तांता लगा हुआ था। केणेकर ने न्यायालय के निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई है। इससे पूर्व केणेकर ने भाजपा के स्थानीय प्रमुख नेताओं के उपस्थिति में म्हाडा कार्यालय पहुंचकर सभापति का पदभार संभाला। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महासचिव बसवराज मंगरुले, प्रदेश प्रवक्ता शिरीष बोरालकर, पूर्व डिप्टी मेयर प्रमोद राठोड, पूर्व डिप्टी मेयर राजू शिंदे, पूर्व नगरसेवक  समीर राजूरकर, राज वानखेडे, संजय खंबायत, अरविंद डोणगांवकर, हाजी दौलत खान पठाण, हाफिज शेख, बंटी चावरिया, डॉ. राम बुधवंत आदि उपस्थित थे।

    म्हाडा को सभापति न होने से अधर में लटकी पीएम आवास योजना 

    सभापति का पदभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए संजय केणेकर ने कहा कि अगर वे म्हाडा के सभापति पद पर गत दो साल से  बरकरार रहते तो शहर में पीएम आवास योजना  के काम को गति मिलकर  52 हजार परिवारों का  उनके घर का सपना लगभग पूरा होता। केणेकर ने कहा कि म्हाडा यह गृहनिर्माण संस्था है। म्हाडा के पास पीएम आवास योजना के निर्माण के लिए स्ट्रक्चर तैयार था। इसको लेकर म्हाडा ने जिला प्रशासन से कई बार  पत्रव्यवहार कर आगाह किया था। बल्कि, पीएम आवास पर अमलीजामा पहनाने के लिए आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्हें इससे अवगत भी कराया गया था। लेकिन, राज्य सरकार की लापरवाही से पीएम आवास योजना औरंगाबाद में सफल न होने का आरोप म्हाडा के सभापति केणेकर ने लगाया।

    इस अवसर पर उपस्थित शहर के पूर्व डिप्टी मेयर राजू शिंदे ने कहा कि म्हाडा का सभापति पद बरकरार रहता तो पीएम आवास योजना के लिए जमीन उपलब्ध होकर पीएम आवास योजना का फायदा हजारों परिवारों को होता। शिंदे ने आरोप लगाया कि  पीएम आवास योजना को शहर में पूरा न करने के लिए ही सभापति पद पर केणेकर को हटाया गया था।