औरंगाबाद : लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे नागरी बस्ती सुधार योजना (Lokshahir Annabhau Sathe Nagri Basti Improvement Scheme) के अंतर्गत वितरित किए जानेवाले निधि में सरकार ने किए हुए पक्षपात (Partiality) को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित जिला नियोजन समिति की बैठक में बीजेपी विधायकों (BJP MLAs) ने निषेध व्यक्त करते हुए बैठक से वॉकआउट (Walkout) किया। जिससे औरंगाबाद जिले का राजनीतिक (Political) माहौल गरमाया है।
बीजेपी विधायकों के साथ राज्य सरकार ने अन्याय किया
सभागृह से वॉकआउट को लेकर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए बीजेपी विधायक अतुल सावे (Atul Save) ने बताया कि जिनका इस निधि पर अधिकार नहीं, ऐसे स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, अमित देशमुख, मनीषा कायंदे, पूर्व सांसद चन्द्रकांत खैरे को करोड़ो रुपए का निधि वितरित किया गया। इसके विपरित जिन जनप्रतिनिधियों को यह निधि पूरी तरह से मिलना चाहिए, उन्हें मामूली निधि दिया गया। इस पर औरंगाबाद पूर्व के बीजेपी विधायक अतुल सावे ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारे निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों पर राज्य सरकार ने एक तरह से अन्याय ही किया है। सरकार के इस पक्षपाती भूमिका पर विधायक सावे ने कई सवाल उपस्थित किए। उन्होंने बताया कि इस पक्षपात को लेकर हमने पालक मंत्री देसाई से गुहार लगायी, परंतु उन्होंने हमारी ओर अनेदखी की। इसलिए हमने सभागृह से वॉकआउट किया।
विधायक अतुल सावे ने बताया कि शिवसेना विधायक (शिवसेना विधायक) अंबादास दानवे, विधायक संजय सिरसाठ, विधायक प्रदीप जैसवाल को प्रति तीन करोड़, पूर्व सांसद चन्द्रकांत खैरे को ढाई करोड़, मनीषा कायंदे को एक करोड़ रुपए सरकार ने इस योजना के अंतर्गत निधि दिया है। वहीं, बीजेपी विधायक अतुल सावे, हरिभाउ बागडे, सांसद रावसाहाब दानवे, डॉ. भागवत कराड को सिर्फ 50 लाख रुपए का निधि इस योजना के अंतर्गत दिया गया। इस पर भी विधायक सावे ने कड़ी नाराजगी जतायी। बैठक में पालक मंत्री सुभाष देसाई के अलावा केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, सांसद इम्तियाज जलील, विधायक सावे, बागडे उपस्थित थे।