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छत्रपति संभाजीनगर: शहर को पेयजल आपूर्ति करनेवाले जायकवाडी बांध (Jaikwadi Dam) में पानी का स्टॉक बेहतर होने के बावजूद आज शहरवासियों को 5 से 7 दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) जारी है। ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकार की मदद से शहर की पेयजल समस्या हल करने के लिए डेढ़ वर्ष पूर्व शुरु की गई  पौने तीन हजार करोड़ रुपए की पेयजल योजना का काम कछुए के गति से जारी है। अब तक इस योजना का सिर्फ 35 प्रतिशत काम पूरा हुआ है, बाकी 65 प्रतिशत योजना का काम कैसे पूरा होगा? इस पर अब सवाल उठने लगे।  योजना का काम कछुए के गति से जारी होने को लेकर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड (Dr. Bhagwat Karad) और राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे (Atul Save) ने कड़ी नाराजगी जताते हुए योजना के काम में और अधिक गति देकर दिसंबर 2024 तक नई पेयजल योजना का काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।

छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका प्रशासन ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के माध्यम से शुरु की गई पौने तीन हजार करोड़ रुपए की पेयजल योजना के काम का जायजा लेने केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड और राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने स्मार्ट सिटी कार्यालय में बैठक ली। बैठक में कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय, महानगरपालिका कमिश्नर जी. श्रीकांत के अलावा जीवन प्राधिकरण, महानगरपालिका और काम करने वाली एजेंसी के अधिकारी उपस्थित थे। 

टंकियों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर 

बैठक में उपस्थित एमजेपी के आला अधिकारी ने बताया कि योजना को पूरा करने के लिए तय की गई सीमा में एजेंसी का काम करीब 47 दिन पीछे चल रहा है। कॉफर डैम्प का काम पूरा होने के बावजूद जैकवैल का काम कछुए के गति से जारी है। कॉफर डैम्प पर इन दिनों छह मशीनों का इस्तेमाल कर फाइलिंग का काम जारी है। इस पर एमजेपी अधिकारियों ने समाधान व्यक्त कर इस काम में और अधिक गति देने पर जोर दिया। फाइलिंग करने का काम हर दिन 35 माइल्स  होना चाहिए, परंतु वर्तमान में हर दिन 15 माइल्स ही काम जारी है। इस कार्य को डॉ. कराड और सावे ने गति देकर रोज 25 माइल्स का काम  पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं, योजना का काम में शहर में बेहतर पेयजल आपूर्ति वितरण व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन दिनों 11 स्थानों पर टंकियों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। टंकियों के काम में भी और अधिक गति देने पर  डॉ. कराड और सावे ने जोर दिया।

कई इलाकों में वितरण व्यवस्था का अंतर अधिक 

बैठक में शहरवासियों को हर दिन 260 एमएलडी पानी की जरुरत होने की जानकरी सामने आई।   शहर को पेयजल आपूर्ति करनेवाले जायकवाडी बांध से महानगरपालिका प्रशासन द्वारा 130 एमएलडी पानी का निकास जारी है। इसके बावजूद शहरवासियों को 5 से 7 दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति पर डॉ. कराड और सावे ने आश्चर्य जताया। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए महानगरपालिका के कार्यकारी अभियंता काजी ने बताया कि शहर के कई इलाकों को 5 से 7 किलोमीटर दूर से पेयजल आपूर्ति की जाती है। वहीं, शहर को पेयजल आपूर्ति करनेवाली पाइपलाइन में कई लिकेजेस है। जिसके चलते शहरवासियों को प्रतिदिन 80 से 90 एमएलडी ही पानी मिल पाता है। साथ ही 130 एमएलडी में से 40 से 50 प्रतिशत आपूर्ति बाय पास पर है।  इस वर्ष के अंत तक शहर के 11 इलाकों में जारी पानी की टंकियों का काम पूरा हो जाएगा। जिसके चलते पानी का स्टॉक करना आसान होकर शहर के कई इलाकों में दो से तीन दिन गैप  देकर  पेयजल आपूर्ति करना आसन होगा। 

टेक्निकल समस्याओं से पेयजल आपूर्ति में कई बाधाएं 

केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड और सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने  शहर के हडको परिसर में निर्माण पेयजल आपूर्ति की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उसे हल करने के निर्देश दिए। इस पर महानगरपालिका के अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से बार-बार बिजली गुल होना, पपिंग में शॉर्टसर्किंट होना, पपिंग स्टेशन में पानी आने से पेयजल आपूर्ति में बाधाएं निर्माण हो रही हैं। 

नई पीढ़ी को सामने रखकर हो नई पेयजल योजना का काम पूरा 

बैठक में उपस्थित महानगरपालिका प्रशासक जी. श्रीकांत ने नई पेयजल योजना के डिजाइन पर खुशी जाहिर करते हुए दावा किया कि योजनाबद्ध तरीके से नई पेयजल योजना का डिजाइन बनाया गया है। जिसके चलते महानगरपालिका प्रशासन शहरवासियों को  योजना का काम पूरा होने के बाद हर दिन 24 घंटे पेयजल आपूर्ति कर पाएगा।   कमिश्नर ने बताया कि शहर के अंतर्गत पाइपलाइन में बड़े पैमाने पर लोगों ने अवैध नल कनेक्शन लिए हुए है। नई योजना में अवैध नल कनेक्शन लेना टेढी खीर साबित होगी। सारी स्थिति जानने के बाद केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि आनेवाली पीढ़ी को सामने रखकर  नई पेयजल योजना का काम पूरा करने के निर्देश दिए।