Covid Care Center
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    औरंगाबाद: दो वर्ष पूर्व देश सहित शहर में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने पांव पसारने के बाद औरंगाबाद महानगरपालिका प्रशासन (Aurangabad Municipal Administration) द्वारा महामारी (Pandemic) से पीड़ित मरीजों पर उपचार के लिए अस्पतालों के अलावा निजी इमारतों  में कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) शुरु किए गए थे। धीरे-धीरे महामारी का असर शहर से खत्म होते ही महानगरपालिका द्वारा शहर में शुरु किए गए कोविड केयर सेंटरों में सरकारी निधि से खरीदी हुई लाखों रुपए की सामग्री गायब (Missing) हुई है। लाखों रुपए की सामग्री गायब होने की जानकारी सामने आते ही महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय उक्त मामले पर सख्त हो गए हैं। उन्होंने गायब हुई साम्रगी के मामले की जांच उपायुक्त को सौंपी है।

    सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी ने दो वर्ष पूर्व शहर में पांव पसारने के बाद केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देश और आईसीएमआर के सूचना पर महानगरपालिका ने शहर में महामारी के प्रथम और दूसरे चरण के दौरान 25 से अधिक स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटर शुरु किए थे। इस सेंटर में कोरोना मरीजों को दो सप्ताह तक रखा जा रहा था। कोविड केयर सेंटर में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को सभी बेहतर सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध निधि से कराई जा रही थी। क्वारंटाइन सेंटर में प्रमुख रुप से पंखे, फ्रिज, टीवी, खेलने के लिए खिलौने, पलंग,  गाद्दे, तकिया कवर शामिल थे। दूसरे चरण के बाद शहर में कोविड के तीसरे चरण का प्रभाव काफी कम रहा। ऐसे में कोविड केयर सेंटर पिछले कुछ माह से खाली पड़े हैं। इसी का फायदा उठाकर सेंटर से लाखों रुपए की सामग्री गायब हुई है। गुरुवार को अधिकारियों के साथ महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने ली बैठक में यह बात सामने आने पर वे आग बबूला हुए। 

    रिकवरी करने के दिए आदेश 

    कोविड केयर सेंटर के प्रमुख के नाते महानगरपालिका के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर सारी जिम्मेदारी थी। कमिश्नर पांडेय ने स्वास्थ्य केन्द्रों से गायब हुए सामग्री  की रिकवरी करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पारस मंडलेचा को सख्त आदेश दिए। कमिश्नर के इस आदेश के बाद क्वारंटाइन सेंटर पर कार्यरत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की जांच होगी। कमिश्नर द्वारा लिए गए इस निर्णय से क्वारंटाइन सेंटर पर कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारियों में खलबली मची है। क्वारंटाइन सेंटर से सामग्री गायब होने की जांच औरंगाबाद महानगरपालिका उपायुक्त करेंगे।