Nandkumar Ghodele

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    औरंगाबाद: शहर में पिछले कुछ सालों से कचरा संकलन करनेवाली पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी (P. Gopinath Reddy Company) ने औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर हर माह महानगरपालिका की तिजोरी की लाखों रुपए की लूटखसोट शुरु की है। यह आरोप शहर के पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले (Nandkumar Ghodele) ने करते हुए इसको लेकर महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी (Municipal Commissioner Dr. Abhijit Choudhary) को एक ज्ञापन सौंपकर कंपनी द्वारा जारी धांधलियों  की जांच करने की मांग की है।

    पूर्व मेयर घोडेले ने आरोप लगाया कि कंपनी ने  महानगरपालिका अधिकारियों और कर्मचारियों को मैनेज कर कचरा संकलन करते समय बड़े पैमाने पर धांधलियां कर महानगरपालिका के  तिजोरी को चूना लगाया है। घोडेले ने बताया कि कंपनी ने महानगरपालिका के मालिकाना हक वाली जमीन पर पार्किंग, डपिंग ग्राउंड शुरु किया है। उसके ऐवज में कंपनी ने आज तक एक रुपए भी किराया महानगरपालिका को अदा नहीं दिया है। कर्मचारियों को भी नियमानुसार वेतन न  देकर उन्हें परेशान किया जा रहा हैं। विशेषकर, कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों का पीएफ भी रेड्डी कंपनी द्वारा जमा नहीं किया जा रहा है।  

    वाहनों की हालत खस्ता 

    महानगरपालिका ने अपने खुद की 108 घंटागाडियां कचरा संकलन के लिए कंपनी को दी है। आज उन वाहनों की हालत काफी खस्ताहाल होकर उन वाहनों की  मरम्मत पर भी कंपनी द्वारा अनदेखी की जा रही हैं। प्रशासन ने वाहनों की खस्ताहाल को ध्यान में रखकर रेड्डी कंपनी से तत्काल 108 घंटागाडियां वापस लेने की मांग भी पूर्व मेयर घोडेले ने की। रेड्डी कंपनी द्वारा की जा रही सारे धांधलियों की जांच करने की मांग पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले ने महानगरपालिका प्रशासक और कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी को सौंपे ज्ञापन में की है। 

    महानगरपालिका को लगाया जा रहा लाखों का चूना 

    घोडेले ने बताया कि कचरे का वजन करने के लिए महानगरपालिका द्वारा चिकलथाना और पडेगांव में तराजू लगाए हुए हैं। इसके बावजूद रेड्डी कंपनी महानगरपालिका के कांटों पर वजन न करते हुए निजी कांटों पर वजन कर हर माह महानगरपालिका को लाखों रुपए को चूना लगाया जा रहा है। पूर्व मेयर के अनुसार, निजी कांटों के सहारे अधिक कचरे का वजन दिखाकर महानगरपालिका की तिजोरी की लूटखसोट रेड्डी कंपनी द्वारा खुले आम जारी है। कंपनी द्वारा हर दिन गिने जा रहे कचरे के वजन को महानगरपालिका  अधिकारियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी की जा रही हैं। कचरा संकलन में जानबूझकर अनदेखी कर पत्थर, मट्टी, ईंटें  उठाकर वह कांटे पर वजन किया जा रहा हैं। ताकि, हर दिन कचरे का वजन बढ़े और कंपनी को लाखों रुपए का फायदा हो। 

    …तो कंपनी के लूटखसोट लगेगा ब्रेक 

    अंत में घोडेले ने आरोप लगाया कि कंपनी की ओर से कम वजन वाला गीला और सूखा कचरा भी जमा नहीं किया जा रहा है। बता दें कि महानगरपालिका ने शहर में कचरा संकलन और यातायात के काम का निजीकरण कर यह काम बंगलुरु के पी. गोपीनाथ रेड्डी कंपनी को दिया है। करार के  अनुसार, इस कंपनी को महानगरपालिका की ओर से कचरे के वजन के अनुसार रुपए दिए जाते हैं। पहले कुछ माह कंपनी द्वारा बेहतर काम करने के बाद धीरे-धीरे कंपनी के अधिकारियों ने महानगरपालिका के अधिकारियों को मैनेज कर कचरे के वजन में धांधलियां शुरु की है। इस मामले को महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने गंभीरता से लेकर जांच की तो रेड्डी कंपनी द्वारा जारी लूटखसोट को ब्रेक लगेगा।