- विधायक कल्याण काले, व्यापारिक संगठनों का हस्तक्षेप आवेदन
छत्रपति संभाजीनगर: अहमदनगर जिले की चीनी मिलों ने मराठवाड़ा के हकदार पानी (Water) के समान वितरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका (Petition) दायर की है और मराठवाड़ा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज और पूर्व विधायक डॉ. कल्याण काले ने सुप्रीम कोर्ट में अलग से हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है। इस पर कल 21 नवंबर को सुनवाई होने की उम्मीद है। जनहित याचिका संख्या 173/2013 दिनांक 23 सितंबर 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट के अंतिम आदेश के अनुसार, गोदावरी मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम ने 30 अक्टूबर को गोदावरी बेसिन में उर्धव बांध समूहों से जायकवाडी बांध में 8.6 टीएमसी पानी छोड़ने का आदेश जारी किया था। हालांकि अहमदनगर और नासिक जिले के नेताओं ने मराठवाड़ा के अधिकार का पानी रोक दिया। पानी छोड़ने के आदेश के बावजूद मराठवाड़ा पानी से वंचित रहा।
संजीवनी (टकली) सहकारी चीनी फैक्ट्री और एक अन्य चीनी फैक्ट्री ने जायकवाडी बांध में पानी छोड़ने पर रोक लगाने और गोदावरी मराठवाड़ा विकास निगम के पानी छोड़ने के आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक जायकवाड़ी बांध से 2.5 लाख हेक्टेयर जमीन को फायदा होता है। इस पर बड़ी संख्या में किसान निर्भर हैं। मराठवाड़ा की आबादी 1.52 करोड़ है और मराठवाड़ा के किसानों और लोगों को हर दो साल में कम से कम एक बार सूखे का सामना करना पड़ता है। जिले की आबादी लगभग 30 लाख है और शहर में लगभग 18 लाख नागरिक रहते हैं।
पीने के पानी के लिए जायकवाड़ी के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। छत्रपति संभाजीनगर शहर एक समय एशिया में सबसे तेजी से बढ़ते औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता था। जिले में, एमआईडीसी वालुज, शेंद्रा, चिकलथाना और डीएमआईसी करमाड और बिडकीन औद्योगिक एस्टेट को भी बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। हस्तक्षेप आवेदन में प्रस्तुत किया गया है कि जिले और मराठवाड़ा के समग्र विकास के लिए जल अधिकार की सख्त आवश्यकता है। वर्ष 2014 में भी डॉ. कल्याण काले पानी के अधिकार के लिए भूख हड़ताल की। तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भूख हड़ताल खत्म कर मराठवाड़ा के हक का पानी देने का फैसला किया था। मराठवाड़ा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज और डॉ. कल्याण काले की ओर से सलाहकार सुधांशु चौधरी एवं अधिवक्ता प्रसाद कुछ काम कर रहे हैं।