स्मार्ट सिटी और महानगरपालिका ने किया जीआईएस सर्वेक्षण, शहर के 13,000 संपत्तियों का सर्वे पूरा

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    औरंगाबाद : औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Aurangabad Smart City Development Corporation Limited) और औरंगाबाद नगर निगम (Aurangabad Municipal Corporation) द्वारा शहर में जीआईएस संपत्ति सर्वेक्षण (GIS Property Survey) किया जा रहा है। इनमें से 13,000 संपत्तियों (Properties) का घर-घर सर्वे किया जा चुका है। फिलहाल शहर (City) के जोन 3 और जोन 4 में सर्वे किया जा रहा है। यह जानकारी महानगरपालिका उपायुक्त अपर्णा थेटे (Aparna Thete) ने दी।

    उन्होंने बताया कि  स्मार्ट सिटी के नगर कमिश्नर और प्रशासक एवं सीईओ आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) के मार्गदर्शन में शहर में जीआईएस सर्वे किया जा रहा है। शहर में पहली बार जीआईएस तकनीक से सर्वे हो रहा है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से शहर की सड़कों, पाइपलाइनों आदि के विभिन्न घटकों के 300 स्तर के नक्शे तैयार किए जा रहे हैं। इस मैप को बनाने के लिए ड्रोन कैमरा, सैटेलाइट और फिजिकल (होम सर्वे) का इस्तेमाल कर सर्वे किया जा रहा है। इनमें से ड्रोन और सैटेलाइट सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।

    उपग्रह मानचित्र राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, हैदराबाद से प्राप्त किया गया है। नक्शा इन दो तकनीकों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। यह नक्शा भौतिक सर्वेक्षण द्वारा सत्यापित किया जाएगा। साथ ही इस भौतिक सर्वेक्षण के माध्यम से संपत्ति का स्वामित्व दर्ज किया जाएगा। साथ ही, यह जीआईएस सर्वेक्षण शहर में छोटी और बड़ी सभी संपत्तियों के लिए एक युनिक जीआईएस आईडी बनाएगा। औरंगाबाद स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट इंजीनियर फैज अली ने कहा कि औरंगाबाद स्मार्ट सिटी और उसके कर्मचारी इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लगातार सर्वे कर रहे हैं।

    3 जनवरी को, उद्योग, खनन और मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई, सांसद  इम्तियाज जलील, विधायक  अतुल सावे, अंबादास दानवे ने हरी झंडी दिखाकर की थी। यह सर्वे नगर निगम की उपायुक्त अपर्णा थेटे के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण की प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है। साथ ही सर्वे में आ रही दिक्कतों के लिए पूर्व पार्षदों की ओर से मदद भी दी जा रही है। इस संपत्ति सर्वेक्षण के माध्यम से पूरे शहर की विस्तृत जानकारी प्रशासन के पास आएगी। यह जानकारी शहर के समान विकास में मदद करेगी। यह सर्वे शहर के विकास के लिए भी अहम होगा। इस सर्वेक्षण से संपत्ति करों का सही आकलन करना आसान हो जाएगा।