thane water smart meter

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    औरंगाबाद : शहर के व्यावसायिक नल (Commercial Tap) धारक बड़े पैमाने पर पानी का इस्तेमाल करते है। परंतु उनसे तय पेयजल (Drinking Water) कर की रकम ही वसूली जाती है। कई व्यावसायिक नल कनेक्शन (Tap Connection) धारक पानी की चोरी भी करते है। इस पर रोक लगाकर उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए पानी का कर वसूलने के लिए महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने समानांतर जलवाहिनी योजना के लिए खरीदी किए वॉटर मीटर (Water Meter) शहर के व्यावसायिक नल कनेक्शन धारकों को बिठाने का निर्णय लिया है। आगामी हफ्ता से व्यावसायिक नल धारकों को मीटर बिठाने की कार्यवाही शुरु की जाएगी। 

    महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने बताया कि शहर की पेयजल समस्या हल करने के लिए कुछ सालों पूर्व हाथ में ली गई समानांतर योजना जो बाद में अधर में लटकी, उस योजना पर अमलीजामा पहनाते समय महानगरपालिका और उक्त योजना का काम जिस कंपनी को दिया गया था, उसने वॉटर मीटर खरीदी थे। समानांतर योजना का काम पूरा होने के बाद हर घर में वॉटर मीटर लगाने का निर्णय योजना के तहत लिया गया था। परंतु योजना का काम आरंभ हुआ था कि महानगरपालिका की आम सभा में योजना का काम ली कंपनी पर नगरसेवकों ने राग अलापकर उस कंपनी का ठेका रद्द किया था। इधर, कंपनी द्वारा खरीदी गए 5 हजार से अधिक वॉटर मीटर आज भी प्रशासन के पास पड़े है। 

    महानगरपालिका प्रशासन ने उन मीटरों का इस्तेमाल शहर के व्यावसायिक नल कनेक्शन धारकों के लिए इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इसके तहत महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने शहर के सभी जोन 1 से 9 के अधिकारियों को उनके इलाके में स्थित व्यावसायिक नल कनेक्शन धारकों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है। उसके तहत महानगरपालिका अधिकारियों ने काम भी शुरु किया है। डॉ. चौधरी ने बताया कि मीटर बिठाते समय ही पानी का प्रति लीटर दाम तय किया जाएगा। उसके बाद बिलिंग की भी पद्धत निश्चित की जाएगी। उसके बाद हर दो से तीन महीने बाद पानी के बिल व्यावसायिक नल कनेक्शन धारक को देकर उससे पेयजल कर वसूला जाएगा। प्रशासक डॉ. चौधरी ने विश्वास जताया कि महानगरपालिका के इस निर्णय से महानगरपालिका के उत्पन्न में वृद्धि होगी। 

    पेयजल आपूर्ति की समस्याओं को हल करने को प्रशासन ने दी प्राथमिकता 

    गत ग्रीष्म कालीन मौसम में शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाला जायकवाडी बांध पानी से लबालब था। परंतु शहर में पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन  योजना में कई बाधाएं होने और बड़े पैमाने पर पानी की चोरी से शहर के कई इलाकों में मार्च से जून एंड तक कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति की समस्या निर्माण हुई थी। तत्कालीन कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने शहर की पेयजल समस्या हल करने के लिए बेहतर नियोजन करने से तत्काल नागरिकों को राहत भी मिली थी। ग्रीष्म कालीन मौसम अगले सप्ताह आरंभ होने वाला है। प्रशासन ने इसको लेकर तैयारियां शुरु कर दी है। कमिश्नर डॉ.चौधरी ने बताया कि प्रशासन ने अवैध नल कनेक्शन कट करना, पानी की चोरी बंद करना, पानी की लिकेजेस पर नियंत्रण पाने के लिए कई कदम उठाए है। उसी की कड़ी में व्यावसायिक नल कनेक्शन धारकों को वॉटर मीटर लगाने का निर्णय लिए जाने की जानकारी महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने दी।