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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    लाखांदूर.पिछले 5 वर्ष पूर्व  सुबह के दौरान गांव के सार्वजनिक बोरवेल से  पीने का पानी लाने गई एक नाबालिग के अपहरण की घटना हुई थी.इस घटना मे पुलिस ने नाबालिग के परिजनों के शिकायत पर मामला दर्जं कर आरोपी को  गिरफ्तार कर जिला न्यायालय में आरोप पत्र दखल किया था. उक्त आरोप पत्र पर भंडारा के अतिरिक्त व सत्र न्यायालय  ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 10 वर्ष की जेल व जुर्माना सुनाया है.

    उक्त फैसला विगत 3 नवंबर को अतिरिक्त व सत्र न्यायाधीश पी. बी. तिजारे ने सुनाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार मई 2017 में तहसील के मासल निवासी प्रवीण प्रकाश रामटेके (22) ने स्थानीय एक नाबालिग का अपहरण किया था. इस घटना में नाबालिग के परिजनों ने लाखांदूर पुलिस थाने में शिकायत करने पर आरोपी युवक के खिलाफ अपहरण व अत्याचार सहित पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी को अरेस्ट कर लिया.

    लाखांदूर पुलिस ने इस मामले में जांच कर आरोप पत्र भंडारा के जिला सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. उक्त आरोप पत्र पर 3 नवंबर को जिले के अतिरिक्त व सत्र न्यायाधीश पी. बी. तिजारे ने फैसला सुनते हुए आरोपी को 10 वर्ष की जेल  और जुर्माना सुनाया. न्यायालय में पीड़िता की ओर से जिला न्यायालय की सहायक सरकारी वकील दुर्गा तलमले ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई. जबकि पुलिस प्रशासन की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी,अपर पुलिस अधीक्षक ईश्वर कातकड़े, प्रभारी पुलिस उप अधीक्षक (गृह) प्रदीप पुल्लरवार ,लाखांदूर के ठानेदार रमाकांत कोकाटे के मार्गदर्शन में पुलिस हवालदार आड़े ने पैरवी की.