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भंडारा. केंद्र सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार जिला बैंकों को किसानों से छह प्रतिशत ब्याज वसूलना होगा. बैंक की ओर से केंद्र सरकार के केसीसीआईएसएस पोर्टल पर भरी गई जानकारी के मुताबिक ब्याज वापसी की रकम किसानों के बचत खाते में जमा की जाएगी. इससे बैंक वित्तीय रूप से प्रभावित होगी और उसका एनपीए बढ़ेगा. इस कारण बैंक को खतरा हो सकता है. इस स्थिति को देखते हुए जिले के किसान शून्य प्रतिशत पर ऋण वसूली को लेकर असमंजस में हैं. जिला बैंक के अध्यक्ष सुनील फुंडे ने सहकारिता मंत्री से पत्र लिखकर इस संबंध में नीति तय करने का अनुरोध किया है.

सरकार ने महाराष्ट्र के उन सभी जिला बैंकों को शून्य प्रतिशत ब्याज रियायत देने का फैसला किया है, जिन्होंने तीन लाख तक का ऋण दिया है. इसके अनुसार, बैंक इसे लागू कर रहा है और केंद्र और राज्य सरकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहा है और किसानों के हित का पोषण किया जा रहा है. लेकिन केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 से तीन लाख तक का लोन वितरित किया है, ऐसे किसानों की फसल ऋण की जानकारी के लिए फसल ऋण पोर्टल (केसीसीआईएसएस) बैंकों को उपलब्ध करा दी गई है. बैंकों ने सभी किसानों की जानकारी केंद्र सरकार के पोर्टल पर भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह जानकारी पोर्टल पर भरने के बाद समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को केंद्र सरकार से डीबीटी प्रणाली के माध्यम से तीन प्रतिशत ब्याज रिफंड किसानों के बचत खाते में मिलेगा. इसलिए बैंक का ब्याज वसूल नहीं हो पाएगा. कहा गया है कि बैंक को आर्थिक नुकसान होगा.

छूट का लाभ नहीं, लगेगा ब्याज

इससे पहले सरकार ने राज्य के सभी जिला बैंकों को तीन लाख रुपये का आंतरिक ऋण देने वाले किसानों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज रियायत लागू की थी. इसके मुताबिक बैंक किसानों को इस छूट का लाभ दे रहा था, लेकिन अब केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक इस छूट का लाभ असल में नहीं दिया जा सकता, ऐसे किसानों से कर्ज वसूल करते समय ब्याज वसूल कर लेना होगा.

पत्र भेजकर सरकार से मार्गदर्शन मांगा

केंद्र सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार, बैंकों को किसान से छह प्रतिशत ब्याज लेना है और चूंकि इसे केंद्र सरकार के पोर्टल पर भुगतान करना अनिवार्य है. इसलिए शून्य प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ नहीं दिया जा सकता है. राज्य में किसानों के हित को देखते हुए सदस्यों को ब्याज दरों पर ऋण देने के संबंध में सहकारिता आयुक्त एवं सहकारी समितियां रजिस्ट्रार पुणे को पत्र भेजकर इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है. महाराष्ट्र में केवल भंडारा जिला बैंक शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वसूल रहा था. केंद्र के नए नियमों के मुताबिक इस साल से यह भी बंद हो जाएगा. अब केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के मुताबिक बैंकों को किसानों से छह फीसदी ब्याज वसूलना होगा.

-सुनील फुंडे, अध्यक्ष, जिला सेंट्रल बैंक, भंडारा.