Cheating Arimora Nursing College

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भंडारा. शहर के रमाबाई अंबेडकर वॉर्ड स्थित अरोमिरा स्कूल ऑफ नर्सिंग ने छात्राओं को असिस्टन्ट नर्सींग एंड मिड्वाइफरी (एएनएम) के 2 वर्ष पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया, फीस भी वसूली, लेकिन खत्म हो रहे शैक्षिक सत्र तक 18 छात्राओं का कौंसिल में रेजिस्ट्रैशन नहीं करवाया जिससे यह छात्राएं अब पहले वर्ष की परीक्षा से वंचित हैं और खुद को ठगी सी महसूस कर रही हैं. शुक्रवार को भंडारा सर्किट हाउस में छात्राओं ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरैशन (एआईएसएफ) के बैनर तले आयोजित प्रेस वार्ता में कॉलेज प्रबंधन पर कारवाई की मांग करते हुए उन्हें दूसरे नर्सिंग संस्थान से समायोजित कर परीक्षा में प्रवेशित करने की मांग की ताकि उनका साल बर्बाद न हो.

अरोमीरा स्कूल ऑफ नर्सिंग ने जगह जगह बैनर और होर्डिंग लगा कर एएनएम, जिएनएम, और बीएससी नर्सिंग कोर्स का खूब प्रचार किया. जिसे देखते हुए भंडारा और गोंदिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से कई छात्राओं ने इस कॉलेज में प्रवेश लिया. अक्टूबर 2022 में एएनएम कोर्स में प्रवेशित छात्राओं को 14 अगस्त को पता चला कि वास्तव में कॉलेज ने उनका रेजिस्ट्रैशन ही नहीं किया. बल्कि उनके साथ धोखाधड़ी कर ज़ीरो अटेन्डन्स वाली छात्राओं का रेजिस्ट्रैशन किया गया है. छात्राओं ने कॉलेज के ऐड्मिन राकेश निखाड़े, असिस्टन्ट जयश्री कडू और सचिव वर्षा अविनाश साखरे से इस मामले में जानकारी मांगी तो उन्होंने छात्राओं को अगले सेमिस्टर में परीक्षा देने का सुझाव दिया.

एआईएसएफ महाराष्ट्र के राज्य सचिव वैभव चोपकर ने प्रेस वार्ता में बताया की कॉलेज की प्रवेश क्षमता केवल 20 है मगर कॉलेज ने उससे अधिक प्रवेश लिए और छात्राओं को गुमराह किया. इस समय छात्रा पूजा लोहारे, सलोनी बाम्बोले, प्रणाली बारेकर, नेहा कोकोडे, अपेक्षा मेश्राम, सानिया गजभिये, पायल बोरकर, प्राजक्ता मेश्राम, आकांशा बागडे, निकिता बावणे, नेहा घोडीचोर, चेतना घोडमारे, प्रगती मेश्राम, वैष्णवी कंगाले, प्रतीक्षा राऊत, दामिनी इसकापे, साक्षी मडावी, करिश्मा कोकोडे के साथ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के हीवराज उके मौजूद थे.

छात्राओं ने इसकी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी, कलेक्टर योगेश कुंभेजकर और महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस नाशिक से की है. छात्राओं ने आरोप लगाया की एक ही कैंपस में 2 कॉलेज से एक साथ तीन कोर्स संचालित होते हैं, लेकिन आवश्यक सुसज्जित एवं विशाल भवन, लैब और बस नहीं है. कॉलेज में प्रिन्सपल नहीं हैं, शिक्षकों के पास कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है और दस्तावेजों में फर्जी लोगों के नाम जोड़े गए हैं. कॉलेज में पर्याप्त जगह न होने के कारण छात्राओं को ड्यूटी के नाम पर अस्पताल भेज दिया जाता है.

छात्राओं को अब तक परिचय पत्र नहीं दिया गया है. सामग्री खरीद के नाम पर छात्रों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है. कॉलेज में एक ही शौचालय है, जिससे छात्राओं को परेशानी होती है. कक्षाएँ नियमित रूप से आयोजित नहीं की जाती हैं और पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया जाता.

नेहा कोकोड़े (एएनएम प्रथम वर्ष छात्रा)