Thieves sleight of hand in Maharashtra: Around four lakh rupees were blown away from the car of a person who came to buy a new car.
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    • फिल्मी स्टाईल गिरफ्तारी

    भंडारा . 9 नवंबर को तुमसर बस स्टैंड से लौटते हुए भुक्तभोगी तुमसर निवासी कैलाश तांडेकर के साथ में अनहोनी घटी. जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी एवं कार में बैठा. उसने अपनी बातों में फंसाया एवं चाह पीने का आग्रह किया.

    इस अज्ञात व्यक्ति ने चाय में बेहोशी की दवा पिलाई थी. इस दवा ने अपना काम किया. कैलाश के बेहोश होते ही वह अज्ञात व्यक्ति कार लेकर फरार हो गया. तुमसर पुलिस में दर्ज इस मामले की जांच स्थानीय गुनाह शाखा की टीम ने की एवं 15 नवंबर को कार चोरी में सक्रिय गिरोह को ही धर दबोचा.

    हफ्ते भर में भंडारा पुलिस ने जिस कार चोर गिरोह का पर्दाफाश किया. उसके खिलाफ इसके पूर्व तीन वाहनों की चोरी के मामले दर्ज थे. कार चोरी का तरीके से लेकर कार चोरों को गिरफ्तारी का किस्सा रोचकता एवं रोमांच से भरपूर है कि किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं लगता.

    चोरी में मोटापे का भी इस्तेमाल

    जांच में आरोपियों ने बताया कि वे कैसे शातिर तरीके से चोरी की घटना को अंजाम देते थे. कारचालक के मन में सहानुभूति पैदा कर लिफ्ट लेने से लेकर चोरी करने के लिए उन्होंने अपना एक तरीका ढूंढ निकाला था. सबसे पहले भास्कर यह जगह का चयन करता था कि कहां से गाड़ी की चोरी की जा सकती है. भास्कर यह बहुत मोटा है. उसे ढंग से चलते भी नहीं आता.

    जिससे उसके प्रति बेहद आसानी से सहानुभूति पैदा हो जाती है. वह कार में कारचालक के अलावा कोई नहीं है, ऐसी गाड़ी देखकर लिफ्ट मांगता था. भास्कर बात करने में माहिर था. वह अपने बात करने के तरीके से गाडीचालक के मन में दया भावना निर्माण करता था. लिफ्ट मिलने के बाद गाड़ी में बैठता था. थोड़ी देर की बातचीत में जैसे ही मेलजोल बढ जाता था, वह अपने इदारे को अंजाम देता था.

    ऐसा सुलाया नींद में

    मोटा भास्कर यह गाडीचालक को बताता था कि उसे शुगर की बीमारी है. इसलिए चाय एवं बिस्कीट लेनी पडेगी. वह चाय पीने की आफर देता था. सड़क किनारे किसी टी स्टाल में उतर कर भास्कर दिखावा करता था कि उसने अभी अभी क्रीम बिस्किट का पैकेट खरीदा है. मौका देखकर भास्कर उसके पास पहले से मौजूद क्रीम बिस्किट पैकेट निकालता था.

    अगले का विश्वास जीतने के लिए बेहद स्वाभाविक तरीके से वह पहला और तीसरा बिस्किट खुद खाता था. दूसरी और चौथी बिस्कीट गाडीचालक को देता था. जिसमें बेहोशी की दवा मिली होती थी. मौका देखकर चाय एवं बिकिस्ट में बेहोशी की दवा डालकर पीने के लिए देता था. इसके बाद वह बेहद सहजता के साथ बताता था कि उसे लेने दोस्त आ रहा है.

    थोडी देर गाडी में बैठकर इंतजार करते थे. जैसे ही गाडीचालक बेहोश हो जाता. गाडीचालक को सुनसान जगह में छोड़कर गाडी की चोरी की जाती थी. इसमें भास्कर यह पुष्पेंद्र सिंह उर्फ गब्बर को बुलाता था. बाद में पुष्पेंद्र सिंह यह चोरी के वाहनों को दुर्ग, राज्य छत्तीसगढ़ में सतबीर सिंह निंदरसिंह की मदद से बेचता था.

    जांच में तकनीक की ली मदद

    तुमसर से गाडी चोरने के बाद दिघोरी के पास में कैलाश को नींद की हालत में गाडी उतार कर पेड़ के नीचे छोड दिया गया था. जब उसे होश आया एवं मामला पुलिस तक पहुंचा. कार चोरी मामले की जांच में साइबर सेल की सहायता ली गयी. तकनीकी विश्लेषण एवं खुफिया जानकारी के आधार पर टीम बनायी गयी. उच्च अधिकारियों की इजाजत से इस टीम को खैरागढ़ एवं दुर्ग रवाना किया गया.

    रंगे हाथ धर दबोचा

    टीम जब छत्तीसगढ़ पहुंची. उन्हे स्थानीय सूत्रों से पता चला कि पुष्पेंद्र सिंह मितंजय सिंह एवं सतबीर सिंग निंदर सिंह यह दोनों दुर्ग के सिव्हिल लाईन परिसर में कार बेचने के लिए आनेवाले है. पुलिस टीम ने पुरे परिसर में जाल बिछाया. जैसी वहां पर सिल्वर रंग की मारुति एर्टिगा पहुंची.

    पुलिस टीम ने समयसूचकता का परिचय देते हुए गाड़ी को रोकने के लिए मजबूर किया गया. गाडी में बैठे लोगों से नाम एवं पता पूछा गया. उन्होने अपना नाम खैरागढ राजनंदगांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह उर्फ गब्बरमितंजय सिंह चालूक्य 42 एवं भिलाई निवासी सतबीर सिंह निंदरसिंह शेरगिल 36 के तौर पर परिचय दिया.

    नंबर प्लेट निकाली थी

    कार में बैठे लोगों से पूछा गया कि कार की नंबर प्लेट कहां है. कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जब  एर्टीगा कार की तलाशी ली गयी.  कार के डैशबोर्ड में एम.एच 36 झेड 6016 की आर सी एवं मूल कारमालिक के कागजात मिले. इस दोनों ने अपने तीसरे साथी साकोली के सिवील लाईन निवासी भास्कर नंदेश्वर की जानकारी दी. जिसकी सहायता से कार चोरी की जाती थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब चोरों को शक हुआ कि वे पकड़े जानेवाले है. उन्होने भागने की कोशिश भी की. लेकिन पुलिस ने उन्हे कोई मौका नहीं दिया.

    गोंदिया, चंद्रपुर एवं मंडला में की चोरी

    जांच में आरोपियों ने कबूला कि उन्होंने गोंदिया, चंद्रपुर व मंडला (म. प्र.) में कार चोरी की. कार चोरी के दर्ज मामले में गोंदिया जिले के आमगांव से 1 महिन्द्रा पिकअप, चंद्रपुर जिले से 1 महिन्द्रा पिकअप एवं मध्य प्रदेश के नैनपुर से महिंद्रा पिकअप की चोरी कर उन्हें दूसरे राज्य में बेचा है. इस गिरोह के पास से 127 नींद की गोली एवं क्रीम बिस्कुट बरामद की गयी.   

    एलसीबी टीम की प्रशंसा

    उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय में जटिल से जटिल मामलों की जांच कर भंडारा पुलिस ने कई गुनाहों के सरगनाओं का पता लगाया है. कार चोरी के गिरोह की जानकारी निकालने, उन तक पहुंचने एवं रंगे हाथ धर दबोचने का किस्सा किसी फिल्म की कहानी से मेल खाता है. एसपी वसंत जाधव के नेतृत्व में भंडारा पुलिस की एलसीबी ने अपने प्रोफेशनल स्किल का फिर एक बार लोहा मनवाया है.

    स्थानीय गुनाह शाखा के सूत्रों ने बताया कि जांच का जिम्मा लेने के पश्चात एलसीबी पुलिस निरीक्षक जयवंत चव्हाण के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन किया गया. जिसमें नितीनचंद्र राजकुमार, भुषन पवार, विवेक राऊत, नितीन महाजन, नंदकिशोर मारबते, स्नेहल गजभिये,  अमोल खराबे, मंगेश मालोदे, तुलसीदास मोहरकर का समावेश था.