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भंडारा. सरकार के विविध विभागों में तालमेल नहीं बैठ पाता और इसी वजह से कई बार विचित्र समस्या निर्माण हो जाती है. शासकीय समर्थन मूल्य के धान खरीदी केंद्रों पर खरीदे जाने वाले धान को लेकर भी भ्रम की स्थिति निर्माण हो गई हैं.दरअसल जिला कृषि विभाग ने अपेक्षा व्यक्त की है कि इस बार जिले में ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन 25 से 26 लाख क्विंटल हो सकता है.इस बारे में सरकार को रिपोर्ट भी भेजी गई है. लेकिन सरकार ने भंडारा जिले को 12 से 13 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है. सवाल यह है कि अगर 25 से 26 लाख क्विंटल धान का उत्पादन होता है और खरीदी केवल 12- 13 लाख क्विंटल होती है तो बचा हुआ धान किसान कहां बेचेंगे? किसानों का धान गारंटी भाव से खरीदने के लिए एक ही एजेंसी मार्केटिंग फेडरेशन के रूप में कार्यरत है.

केंद्र शुरू पर धान ही नहीं- बिसने

ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन कहीं-कहीं किसानों के घर में पहुंच रहा है.लेकिन धान खरीद शुरू नहीं होने का शोर किया जा रहा है.इस बारें में जिला मार्केटिंग अधिकारी अजय बिसने से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि 1 मई से 30 जून के दौरान ग्रीष्मकालीन धान खरीदी का सरकारी आदेश है. इस हिसाब से कुछ स्थानों पर धान खरीद केंद्र शुरू है.लेकिन बिकने के लिए अब तक धान ही नहीं आया है.

2,445 किसानों का ऑनलाइन पंजीयन

जिले में ग्रीष्मकालीन धान खरीद के लिए खोले गए 63 खरीदी केंद्रों पर किसानों की ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू है.यह प्रक्रिया 28 अप्रैल से ही प्रारंभ कर दी गई है.अब तक 2,445 किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन करा लिया है.बताया जा रहा है कि जिले में धान खरीद के लिए 240 केंद्र खोले जाने की दिशा में प्रयास शुरू है. 

3.48 करोड के चुकारे अभी तक नहीं

खरीफ के मौसम में इस बार 42 लाख क्विंटल के आसपास धान की खरीद की गई थी. मार्च माह के दौरान आखरी बार की गई धान खरीदी के चुकारे अब तक सरकार ने किसानों के खाते में जमा कराने के लिए नहीं भेजे है. तकरीबन 16 हजार क्विंटल धान के चुकारे अटकें है और यह राशि 3.48 करोड के लगभग है. इतना बडी राशि मंझधार में छोडकर अब पुन: खरीफ की फसल लगाने की तैयारी में जुट जाने के लिए किसान मजबूर हो गया है.